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ग्रुप एक लेकिन Adani Total में 81% की गिरावट तो Adani Ports 27% ही टूटा, क्या है कारण

नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का सिलसिला खत्म नहीं हुआ है। अमेरिकी रिसर्च फर्म की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप (Gautam Adani) के शेयर लगातार नीचे जा रहे हैं। अडानी के शेयरों की मार्केट वैल्यू की बात करें तो यह 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कम हो चुकी है। इन शेयरों की वैल्युएशन काफी ज्यादा थी। अब इनमें बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि अडानी (Gautam Adani) के स्टॉक्स का पीई रेशियो (PE) ज्यादा है। किसी कंपनी का पीई रेशियो कंपनी की मौजूदा शेयर की कीमत की उसकी प्रति शेयर आय से तुलना करता है, लेकिन इसके बाद भी अडानी (Gautam Adani) के शेयरों ने बड़ा गोता लगाया है। अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) स्टॉक 24 जनवरी से लगभग 81% गिर चुका है। वहीं अदानी पोर्ट्स (Adani Ports) ने इसी अवधि में 27% गोता लगाया है। अडानी टोटल गैस स्टॉक 24 जनवरी को अपनी कमाई के 844 गुना ज्यादा पर कारोबार कर रहा था। एक ऐसी संख्या है जो किसी नामी टैक्नोलॉजी कंपनी के लिए भी काफी मुश्किल है। जबकि अडानी पोर्ट्स 30 गुना पर था।

इन स्टॉक्स में आई है कम गिरावट

मूल्य-से-कमाई यानी पीई के मुताबिक, जिन शेयरों का वैल्यूएशन अपेक्षाकृत कम था, वे कम गिरे हैं। एसीसी, जिसका पीई अनुपात 54 था, अडानी समूह के 10 शेयरों में सबसे कम (26%) गिरा है। इसके बाद अदानी पोर्ट्स (27%) और अंबुजा सीमेंट्स (31%) का नंबर है। किसी कंपनी का पीई रेशियो इस बात का संकेतक है कि किसी स्क्रिप का उसके लाभ के संबंध में कितना कम या अधिक मूल्य है। टेक्नोलॉजी और कंज्यूमर ब्रॉन्ड के अलावा बाकी प्रौद्योगिकी और उपभोक्ता ब्रांड और अन्य हाई ग्रोथ कंपनियों के अलावा आमतौर पर बुनियादी ढांचे या राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों की तुलना में अधिक वैल्यूएशन करते हैं। उदाहरण के लिए, टीसीएस का पीई अनुपात 31 है, लेकिन टाटा स्टील का 5 है। इंद्रप्रस्थ गैस का पीई अनुपात 18 है, जबकि महानगर गैस का 13 है। ये दोनों अडानी टोटल गैस के समान बिजनस में हैं।

रॉकेट की तरह भागे थे अडानी के शेयर

शेयर की कीमत बाजार की धारणा को दर्शाती है, लेकिन जब किसी विशेष शेयर में तेजी से इजाफा होता है, जैसा कि महामारी के बीच अडानी शेयरों के मामले में देखा गया था, तो खतरे की घंटी बजने लगती है। नवंबर 2022 में, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने ‘स्ट्रेटोस्फेरिक’ वैल्यूएशन का भी संकेत दिया था। हालांकि संपर्क करने पर जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के एक प्रतिनिधि ने कहा कि फर्म अडानी समूह को ट्रैक नहीं करती है। दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्ट के बाद से ही लोअर सर्किट लगने की फिराक में फंसी अडानी टोटल गैस अभी भी अपनी कमाई के 156 गुना पर उपलब्ध है।

क्या होता है PE Ratio

पीई रेशियो को प्राइस टू अर्निग्स रेशियो भी कहा जाता है। यह हमें बताता है कि कंपनी का प्राइस उसकी इनकम की तुलना में कितना ज्यादा है। साधारण भाषा में कहें तो कोई कंपनी है कितनी सस्ती है या कितनी महंगी है, इस बात का पता उस कंपनी के PE Ratio से ही चलता है। ज्ञात करके ही पता चलता है|

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