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भारत, ब्रिटेन, अमेरिका नहीं… सिर्फ 13 देशों के साथ हैं ताइवान के राजनयिक संबंध, जानें उनके नाम

बीजिंग: चीन के विरोध के कारण मध्य अमेरिकी देश होंडुरास ने ताइवान के साथ राजनयिक संबंध समाप्त कर दिए हैं। इसी के साथ होंडुरास के चीन के साथ औपचारिक संबंध स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है। चीन उन देशों के साथ राजनयिक संबंध नहीं रखता, जिन्होंने ताइवान को एक देश के तौर पर मान्यता दी है या ताइपे में दूतावास स्थापित किया है। चीन शुरू से ही ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और दुनियाभर से वन चाइना पॉलिसी का पालन करने की अपील भी करता है। इसके बावजूद दुनियाभर के कई देशों ने ताइवान के साथ अनौपचारिक संबंध स्थापित कर रखे हैं, हालांकि इनमें से अधिकतर देशों ने ताइवान को अलग देश के तौर पर मान्यता नहीं दी है।

7 साल में 9 देशों ने छोड़ा ताइवान का साथ

चीन के सरकारी मीडिया सीसीटीवी ने बताया कि होंडुरास के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इस संबंध में घोषणा की। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब स्वशासित ताइवान को लेकर चीन के बढ़ते आक्रामक रुख समेत कई मामलों पर चीन एवं अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस कदम के बाद ताइवान को संप्रभु देश मानने वाले देशों की संख्या कम होकर केवल 13 रह गई है। त्साई इंग वेन के मई 2016 में राष्ट्रपति बनने के बाद से ताइपे ने अपना नौवां राजनयिक सहयोगी गंवाया है।

कभी चीन का प्रतिनिधित्व करता था ताइवान

ताइवान को औपचारिक रूप से चीन गणराज्य (आरओसी) के रूप में जाना जाता है। 1949 में चीनी गृह युद्ध के अंत में चांग काई शेक के नेतृत्व में चीन की मुख्य भूमि से दूर इस देश की स्थापना की गई थी। आरओसी सरकार की स्थापना 1912 में चीन में किंग राजवंश के खात्मे के बाद की गई थी। आरओसी सरकार ने जापानी आक्रमण के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ काम किया, लेकिन बाद में वे एक दूसरे के खिलाफ हो गए। ताइवान ने संयुक्त राष्ट्र में चीन का प्रतिनिधित्व भी किया है, लेकिन 1971 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को चीन के तौर पर मान्यता देते हुए ताइवान को निष्कासित कर दिया गया।

ताइवान के किन देशों के साथ राजनयिक संबंध

चीन के कड़े विरोध के कारण ताइवान के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों की संख्या तेजी से कम हो रही है। वर्तमान में दुनिया में सिर्फ 13 देश ऐसे हैं, जिनका ताइवान के साथ राजनयिक संबंध है। इनमें अधिकतर देश लैटिन अमेरिकी हैं, जबकि सिर्फ एक-एक यूरोपीय और अफ्रीकी देश शामिल हैं। एशिया के किसी भी देश ने ताइवान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित नहीं किया है। होंडुरास से पहले निकारागुआ ने ताइवान के साथ अपने राजनयिक संबंध खत्म किए थे।

लैटिन अमेरिका और कैरेबियन

बेलीज़

ग्वाटेमाला

परागुआ

हैती

संत किट्ट्स और नेविस

सेंट लूसिया

संत विंसेंट अँड थे ग्रेनडीनेस

प्रशांत

मार्शल द्वीपसमूह

नाउरू

पलाउ

तुवालू

अफ्रीका

इस्वातिनी

यूरोप

वेटिकन सिटी

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