मध्य प्रदेशराजनीति

मन्दसौर में भाजपा की हार की पीछे भितरघात एक कारण,साथ रहने वाले मुह पर अपना कहने वाले ही पिट में छुरा घोप गए

मन्दसौर:- मंदसौर विधानसभा चुनाव के परिणामों ने सबको चौंका दिया। संसदीय क्षेत्र की 8 सीटों में से 7 पर भाजपा ने कब्जा जमाया तो वहीं दूसरी तरफ मंदसौर विधानसभा सीट कांग्रेस ने हथिया ली।
मंदसौर विधानसभा सीट से भाजपा की यशपाल सिंह सिसोदिया तथा कांग्रेस के विपिन जैन के बीच मुकाबला था मंदसौर में विकास के नाम पर यशपाल सिंह सिसोदिया ने वोट मांगे और विकास धरातल पर दिखा भी लेकिन चुनावी भाग दौड़ के दौरान जनता से जनसंपर्क के दौरान साथ रहने वालो ने सिसोदिया को हरवा दिया।
भीतर घाट करने वाले भी यशपाल सिंह सिसोदिया की नजर से दूर नहीं है कुछ बड़े नाम तथा चेहरे मुह पर अपने रहे तथा पिट पीछे छुरा घोप गए।
मध्य प्रदेश में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला तथा मन्दसौर संसदीय क्षेत्र से सिर्फ मंदसौर सीट पर एक अच्छे प्रतिनिधि खो देना मंदसौर की जनता के लिए भी 5 साल के लिए गम्भीर हो गया है जिसमें विकास का पहिया थमने तथा अन्य जनहितैषी कार्यों पर अब रोक लगने की संभावना भी जताई जा रही है।
बड़े नाम पद वाले भितरघातियों की मंशा रही की अगर यशपाल सिंह सिसोदिया जीते मंत्री बने तो हमारा राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ जाएगा!
मन्दसौर में हार के बाद अब भाजपा भी भितरघातियों की सूची तैयार करेंगी तथा उनसे निपटेंगी!

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