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सुप्रीम कोर्ट ने The Kerala Story पर बैन की याचिकाओं पर सुनवाई से किया इनकार, कहा- पहले हाई कोर्ट जाइए

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विवादों में घ‍िरी फिल्‍म ‘द केरल स्‍टोरी’ के ख‍िलाफ दायर रिट याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने याचिकाकर्ताओं को केरल हाई कोर्ट जाने के निर्देश दिए हैं, जहां पहले से ही फिल्‍म से जुड़ी ऐसी ही याचिकाओं पर सुनवाई लंबित है। डायरेक्‍टर सुदीप्‍तो सेन की यह फिल्‍म 5 मई को रिलीज हो रही है। फिल्‍म के टीजर में दावा किया गया है कि केरल में 32000 हिंदू महिलाओं का धर्म परिवर्तन कर उन्‍हें आतंकी संगठन ISIS में भर्ती किया गया है। कांग्रेस और वाम दल के साथ ही मुस्‍ल‍िम लीग भी फिल्‍म के विरोध में है और इस पर केरल राज्‍य में बैन लगाने की मांग कर रहे हैं।


बुधवार को देश के चीफ जस्‍ट‍िस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने फिल्‍म से जुड़ी याचिकाओं को खारिज किया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो फिल्म की रिलीज की तारीख 5 मई से पहले केरल हाई कोर्ट में सुनवाई की मांग कर सकते हैं। अदालत में एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने चीफ जस्‍ट‍िस डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष दायर याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लामिक मौलवियों की संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर इस याचिका को तत्‍काल सुनवाई के लिए लिस्‍ट किया जाना चाहिए। वकील ने कहा कि फिल्‍म 5 मई को रिलीज हो रही है, ऐसे में इस पर गुरुवार से ही सुनवाई शुरू होनी चाहिए। इस पर एडवोकेट निजाम पाशा ने कहा कि कुर्बान अली नाम के एक और याचिकाकर्ता ने फिल्‍म पर बैन लगाने की मांग की है। पाशा ने कहा कि फिल्म के डिस्क्लेमर में संशोधन की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह पूरी तरह से काल्पनिक है।

मेकर्स की तरफ से हरीश साल्‍वे लड़ रहे हैं केस

वकीलों की बात सुनकर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने यह कहते हुए याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया कि केरल हाई कोर्ट में पहले से ही ऐसी ही याचिका पर सुनवाई हो रही है। जब एडवोकेट ग्रोवर ने कहा कि हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के लिए 5 मई की तारीख मुकर्रर की है, तो अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो बेंच से इस पर पहले सुनवाई की मांग कर सकते हैं। दूसरी ओर, फिल्म निर्माताओं की ओर कोर्ट में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि वे डिस्क्लेमर को बदलने के लिए ब‍िल्‍कुल भी सहमत नहीं हैं।


‘फिल्‍म पूरे समुदाय को बदनाम करने की कोश‍िश’

एडवोकेट ग्रोवर ने कोर्ट में कहा, ‘फिल्‍म का शुरुआती शॉट कहता है कि यह फिल्म सच्‍ची घटनाओं पर आधारित है। इसे एक सच्ची कहानी के रूप में प्रचारित किया गया है। जबकि यह फिल्म पूरे समुदाय को बदनाम करती है। इसे किसी भी रूप में स्‍वीकार नहीं किया जा सकता है। फिल्‍म पैन इंडिया रिलीज हो रही है। जमीयत की ओर से कोर्ट में मौजूद वकील निजाम पाशा ने इस पर साफ किया कि उनकी याचिका में फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग कर रही है। न कि सिर्फ इसके डिस्‍क्‍लेमर में बदलाव की बात कर रही है।


सेंसर बोर्ड ने 10 कट्स के साथ दिया A सर्टिफिकेट

दूसरी ओर, राजनीतिक महकमे में भी फिल्‍म को लेकर गहमागहमी है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई (एम) और विपक्षी दल कांग्रेस ने यह कहते हुए फिल्म का विरोध किया है कि यह सांप्रदायिक घृणा पैदा करती है। राज्य को नेगेटिव दिखाने की कोश‍िश की है और इसमें किए गए दावे झूठे हैं। बहारहाल, सेंसर बोर्ड ने भी फिल्‍म पर कैंची चलाई है। 10 कट्स के साथ फिल्‍म को A सर्टिफिकेट दिया गया है।

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