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हम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस पाने के इंतजार में हैं: जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ब्रिटेन के दौरे पर हैं.उन्होंने चैथम हाउस थिंक टैंक में कश्मीर से लेकर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर खुलकर बात की. लेकिन इस दौरान कश्मीर को लेकर पूछा गया एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर जयशंकर की प्रतिक्रिया वाह-वाही लूट रही है.

पाकिस्तान के एक पत्रकार ने जयशंकर से सवाल पूछते हुए कहा कि मैं लेखक और पत्रकार हूं और मैं आपको थोड़ा सा नर्वस करना चाहता हूं. भारत ने कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है जिस वजह से वे प्रोटेस्ट कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया में शांति लाने की बात करते हैं तो क्या नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती का इस्तेमाल कर कश्मीर मुद्दे को सुलझा सकते हैं?

इस पर जयशंकर ने कहा कि हमने कश्मीर समस्या काफी हद तक सुलझा ली है. इस दिशा में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना पहला कदम था. इसके बाद कश्मीर में विकास और आर्थिक गतिविधि बढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था. अच्छे मतदान प्रतिशत के साथ वोटिंग कराना तीसरा कदम था. पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी चौथा कदम होगा. पाकिस्तान अवैध रूप से कश्मीर के जिस हिस्से पर कब्जा जमाकर बैठा है, वह हिस्सा वापस आ जाए तो कश्मीर की समस्या पूरी तरह से सुलझ जाएगी.

जयशंकर ने क्या-क्या कहा?

लंदन के चैथम हाउस थिंक टैंक में आयोजित कार्यक्रम मे जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत से जो हिस्सा (POK) चुराया है, अब उसकी वापसी का इंतजार है. उस हिस्से के भारत में शामिल होते ही जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से शांति स्थापित हो जाएगी.

उन्होंने घाटी में शांति का फॉर्मूला बताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने की पूरी प्रक्रिया तीन चरणों में अपनाई गई. इसके अलावा जयशंकर ने अमेरिका की पॉलिसी पर बात करते हुए कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन बहुध्रुवीयता (multipolarity) की तरफ बढ़ रहा है, जो भारत के हितों के लिए अच्छा है. दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते की जरूरत पर सहमत हुए हैं.

अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के क्वाड गठबंधन का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नजरिए से हमारे पास एक बड़ा साझा उद्यम क्वाड है, जो एक ऐसी समझ डेवलप करता है, जहां हर कोई अपना उचित हिस्सा देता है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन और आयरलैंड के छह दिनों के दौरे पर हैं. वह इस दौरे के दौरान सबसे पहले लंदन पहुंचे, जहां उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और विदेश मंत्री डेविड लैमी से मुलाकात की.

वहीं, जयशंकर के कश्मीर को लेकर दिए गए बयानों पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. जयशंकर के बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता तनवीर सादिक ने कहा कि अगर कश्मीर का मामला हल करना इतना आसान है तो अच्छी बात है. हम तो जानते हैं कि बातचीत से ही कश्मीर का हल निकलेगा.

सीपीएम विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा कि जिस तरह से डॉ. जयशंकर आर्टिकल 370 के बारे में बात कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि आर्टिकल 370 का वजूद अभी भी है. जयशंकर कह रहे हैं कि हम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को हासिल कर लेंगे लेकिन मोदी सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को बांट दिया और लद्दाख को अलग कर दिया.

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