बेंगलुरु में 10% पुणे में 8%, जानिए दिल्ली एनसीआर में कितने बढ़े प्रोपर्टी के रेट?

नई दिल्ली: लॉकडाउन के बाद से ही प्रोपर्टी के रेट (Property Rate) में उछाल आ रहा है। पिछले साल तो बिल्डिंग मैटेरियल की कीमत बढ़ने की वजह से रियल एस्टेट (Real Estate) महंगा हुआ था। उसके बाद होम लोन लगातार महंगा हुआ है। तब भी इस साल के शुरुआती तीन महीने में प्रोपर्टी खूब महंगा हुआ है। PropTiger.com की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल देश के सभी प्रमुख रियल्टी बाजारों में औसत कीमतें लगभग 7% की सालाना दर से बढ़ी हैं। बेंगलुरु में तो यह बढ़ोतरी सबसे ज्यादा हुई है। वहां इस साल की पहली तिमाही में ही रेट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र या एनसीआर में प्रोपर्टी की कीमतें छह फीसदी महंगी हुई है।
बेंगलुरु में सबसे ज्यादा चढ़े दाम
इस रिपोर्ट में पता चला है कि बीती तिमाही बेंगलुरु में संपत्तियों का औसत मूल्य 10% बढ़ा है। यह देश के अन्य प्रोपर्टी बाजार के मुकाबले सबसे ज्यादा है। इसके बाद पुणे और अहमदाबाद का स्थान आता है। इस साल जनवरी से मार्च के बीच पुणे में रियल एस्टेट की कीमतों में 8% की बढ़ोतरी हुई है। अहमदाबाद में भी इस साल प्रोपर्टी की कीमतें खूब चढ़ी है। वहा इस साल पहली तिमाही में 7% की बढ़त दिखी है।
दिल्ली एनसीआर में भी खूब बढ़े दाम
दिल्ली के साथ साथ एनसीआर मतलब कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, गाजियाबाद, गुड़गांव और फरीदाबाद में भी खूब दाम बढ़े हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस अवधि के दौरान दिल्ली एनसीआर में छह फीसदी दाम बढ़े हैं। इस साल पहली तिमाही के दौरान कोलकाता में भी दाम में छह फीसदी की ही बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान मुंबई में दाम पांच फीसदी चढ़े हैं।
बढ़िया प्रदर्शन करने वालों में एक है रियल एस्टेट
PropTiger.com के ग्रुप सीएफओ विकास वाधवान का कहना है कि रियल एस्टेट लंबी अवधि में लगातार सबसे बढि़या प्रदर्शन वाली संपदा श्रेणियों में से एक रहा है। कीमतें बढ़ने की अपेक्षा के साथ यह लोगों के लिये आगे आने और अपने सपनों का मकान खरीदने के लिये एक अच्छा समय हो सकता है। इसके साथ ही यह ध्यान रखना होगा कि मकान खरीदना आमतौर पर एक परिवार के लिये खरीदारी का सबसे महंगा फैसला होता है। इसलिये अंतिम फैसला करने से पहले हर पहलू को समझना महत्वपूर्ण है। यह रिपोर्ट बताती है कि पिछले कुछ समय से बिल्डिंग मैटेरियल की कीमत तो बढ़ी ही है, मजदूरी भी खूब बढ़ी है। कोविड के बाद से मकानों की मांग भी बढ़ ही रही है।