अधिवक्ताओं के साथ लाठी से मारपीट, एडवोकेट मनोज चौधरी की हत्या, घटना में पुलिस और प्रशासन के व्यवहार के विरोध मे,न्यायिक कार्य से विरत रहा बांदा का अधिवक्ता संघ।
प्रशासन"अधिवक्ताओं"को इस प्रदेश से प्रभावशून्य व निष्क्रीय कर देना चाहता है :- राजेश दुबे(अध्यक्ष बांदा)

प्रशासन”अधिवक्ताओं”को इस प्रदेश से प्रभावशून्य व निष्क्रीय कर देना चाहता है :- राजेश दुबे(अध्यक्ष बांदा)
बांदा – 29.08.2023 को जनपद हापुड़ में पुलिस ने आक्रामक रूप से, निर्ममतापूर्वक अधिवक्ताओं को लाठियों से पीटा और इतना ही नहीं, इस प्रकार का अनाधिकृत घोर कुकृत्य करने के पश्चात्, स्वयं पुलिस द्वारा प्रताड़ित किये गये। उन्ही अधिवक्ताओं के विरूद्ध निर्लज्जता से परिपूर्ण परिचय देते हुये संगीन धाराओं में मुकदमा भी पंजीकृत करा दिया गया, जिसके फलस्वरूप विरोध व्यक्त करने के लिए बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आवाहन पर,पूरे प्रदेश के अधिवक्तागण 30.08.2023 को न्यायिक कार्य से विरत रहे। जिस समय पर एक ओर प्रदेश के आक्रोशित अधिवकताओं द्वारा विरोध व्यक्त किया जा रहा था एवं अभी पिछले प्रथम घटित उपरिवर्णित घटनाक्रम के आक्रोश की ज्वाला अभी शान्त भी न हो पायी थी, कि उसी समय दूसरी ओर 30.08.2023 को ही 24 घंटे से भी कम समय के अन्तराल के बीच ही जनपद गाजियाबाद की तहसील में मनोज चौधरी,एडवोकेट की दिन-दहाडे अराजक तत्वों द्वारा चेम्बर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गयी, जिसमे प्रशासन भी अधिवक्ताओं के प्रति अपने चिर-परिचित फूहडता भरी कार्यशैली का परिचय देते हुए स्व0 मनोज चौधरी, एडवोकेट के शव तक को सम्मान भी न दे सका।
जिससे प्रदेश का अधिवक्ता समूह उपेक्षा का ग्राह मात्र बनता जा रहा है। वर्तमान शासन काल में अब ऐसा प्रतीत होने लगा है कि शासन की मन्सा से प्रशासन संविधान के एक मूलभूत स्तम्भ “अधिवक्ताओं” को इस प्रदेश से प्रभावशून्य व निष्क्रीय कर देना चाहते है, जिससे शासन व प्रशासन निरंकुश हो सके और निरीह जन को न्याय भी न प्राप्त हो सके।
इस प्रकार की क्रूर एवं निन्दनीय घटनाक्रमो से आहत होकर आज 01.09.2023 को जिला अधिवक्ता संघ,बाँदा के अध्यक्ष राजेश कुमार दुबे के नेतृत्व में व महासचिव ओम प्रकाश सिंह की उपस्थिति में जिला अधिवक्ता संघ, बाँदा के अधिवक्तागणो ने पूर्ण रूप से न्यायिक कार्य से विरत रहकर अपना आक्रोश व्यक्त करने के साथ ही साथ जिला अधिवक्ता संघ, हापुड एवं जिला अधिवक्ता संघ, गाजियाबाद को पत्राचार व दूरभाष के माध्यम से पूर्ण सहयोग व समर्थन का आश्वासन भी दिया है।