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भारत में कत्लेआम मचाना चाहता था 26/11 का मास्‍टरमाइंड, हाफिज सईद से ग्‍लोबल आतंकी अब्‍दुल रहमान मक्‍की का कनेक्‍शन

न्‍यूयॉर्क: संयुक्‍त राष्‍ट्रसंघ (UN) ने पाकिस्‍तान में मौजूद अब्‍दुल रहमान मक्‍की को ग्‍लोबल आतंकी घोषित कर दिया है। सोमवार को चीन ने मक्‍की को आतंकी डिक्‍लेयर करने वाले प्रस्‍ताव पर अपनी असहमति खत्‍म कर दी। इसके साथ ही यूएन ने लश्‍कर-ए-तैयबा के आतंकी मक्‍की को अल कायदा और आईएसआईएल (दाएश) प्रतिबंध समिति के तहत ग्‍लोबल आतंकी घोषित किया है। मक्‍की, लश्‍कर के सरगना हाफिज सईद का बहनोई है और भारत में कई आतंकी वारदातों का मास्‍टरमाइंड रहा है। उसे आतंकी घोषित करने वाला प्रस्‍ताव भारत की तरफ से साल 2020 में दिया गया था। तब से ही चीन ने इसमें अड़ंगा डाला हुआ था।

कई हमलों का साजिशकर्ता
जून 2022 में भारत की तरफ से चीन को प्रस्‍ताव में रूकावट पैदा करने के लिए फटकार भी लगाई गई थी। जिस कमेटी के तहत मक्‍की को प्रतिबंधित किया गया है, उसे UNSC 1267 कमेटी के तौर पर भी जाना जाता है। यूएन की तरफ से भले ही अब मक्‍की को ग्‍लोबल आतंकी घोषित किया गया है लेकिन भारत और अमेरिका बहुत पहले ही ऐसा कर चुके हैं। दोनों ने अपने-अपने कानूनों के तहत उसे टेररिस्‍ट बताया है।

मक्‍की, लश्‍कर का वह आतंकी है जो जम्‍मू कश्‍मीर के युवाओं को संगठन में भर्ती करने के लिए उकसाता है। इसके अलावा उन्‍हें कट्टरपंथी विचाराधारा की तरफ आकर्षित करना और भारत में आतंकी हमलों के लिए प्रेरित करने का काम करता है। अपने मकसदों को पूरा करने के लिए वह फंड भी कलेक्‍ट करता है।
गुमराह करने के लिए दो जन्‍मतिथि
मक्‍की का नाम पहली बार भारत में तब सुना गया जब देश 26/11 जैसे खतरनाक हमलों से दहल गया था। मक्‍की इन हमलों का एक मास्‍टरमाइंड था। इन हमलों में मक्‍की ने पाकिस्‍तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई की मदद से मुंबई को दहलाने का पूरा प्‍लान तैयार किया था। गृह मंत्रालय की तरफ से साल 2022 में बताया गया था कि 74 साल का मक्‍की साल 2006 से ही भारत में आतंकी हमलों में शामिल रहा है। पाकिस्‍तान के आधिकारिक रेकॉर्ड में मक्‍की की जन्‍म की दो तारीखें दर्ज हैं। 10 दिसंबर 1954 और दूसरी है 10 दिसंबर 1948 और कई सुरक्षा अधिकारी मानते हैं कि यह सिर्फ विदेशी सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने के लिए ही है।
पश्‍तून कैप पहने नजर आने वाला आतंकी मक्‍की इस्‍लामाबाद में पाकिस्‍तान सरकार की नाक के नीचे कश्‍मीर पर रैलियों को आयोजित करता रहता है। साल 2010 में ऐसी ही एक रैली में उसने भारत को धमकी दी थी कि कश्‍मीर अगर पाकिस्‍तान को नहीं सौंपा गया तो फिर खून की नदियां बह जाएंगी। उसने कहा था कि पाकिस्‍तान की सेना की मदद से इस पर कब्‍जा किया जाएगा।
दो मिलियन डॉलर का ईनाम
लश्‍कर में उसे कई तरह के रोल दिए गए हैं जिसे अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है। लश्‍कर के ऑपरेशंस के लिए फंड भी जुटाता आया है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक साल 2020 में पाकिस्‍तान के एंटी-टेररिज्‍म कोर्ट ने मक्‍की को आतंकवाद के लिए आर्थिक मदद जुटाने का दोषी ठहराया और उसे जेल भेजा। अमेरिका की तरफ से मक्‍की पर दो मिलियन डॉलर का ईनाम घोषित किया गया है। अमेरिका के वित्‍त विभाग की तरफ से उसे नवंबर 2020 में ही ग्‍लोबल आतंकी घोषित कर दिया गया था।

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