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सचमुच अजीब है पाकिस्तान! IMF को भी दिया धोखे पर धोखा, पूर्व मंत्री ने कहा- इसीलिए नहीं मिल रहा लोन

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने दावा किया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय पर भरोसा नहीं है। इस्माइल ने पिछले साल अपने कार्यकाल के दौरान रुके हुए आईएमएफ लोन प्रोग्राम को पुनर्जीवित करने में कामयाबी हासिल की थी। पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो टीवी के साथ एक इंटरव्यू में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता ने पिछले साल पैदा हुए उन मुद्दों के बारे में बताया, जिन्होंने आईएमएफ के साथ महत्वपूर्ण समझौते को तोड़ दिया और देश एक विकराल आर्थिक संकट में डूब गया।

रिपोर्ट के अनुसार मिफ्ताह इस्माइल ने कहा, ‘पिछले डेढ़ साल में हमने तीन बार वादे किए और फिर उनसे पीछे हट गए। पूर्व वित्त मंत्री हफीज शेख ने चौथी, पांचवीं और छठी समीक्षा बैठक के दौरान IMF के साथ वादे किए, जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। जैसे ही आईएमएफ ने पैसे दिए, शेख को उनके पद से हदा दिया गया।’ उन्होंने कहा, ‘फिर शौकत तरीन आते हैं और एक ऐसा बजट पेश करते हैं जिसका आईएमएफ कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं था। यह पहली बार था जब हमने अपने वादों को तोड़ा। जाहिर है आईएमएफ ने अगली किश्त जारी नहीं की।’


जब पाकिस्तान ने दिया IMF को धोखा

इस्माइल ने बताया, ‘बाद में तरीन ने नवंबर 2021 में एक मिनी बजट पेश किया और फरवरी में पैसा आते ही एक नए आईएमएफ प्रोग्राम के लिए सहमत हो गए। लेकिन इमरान सरकार ने फिर पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें कम कर दीं। उस समय सरकार को डीजल 200 रुपए प्रति लीटर से अधिक दाम पर पड़ रहा था लेकिन वह इसे 150 रुपए से कम में बेच रहे थे। यह दूसरी बार था जब हमने अपने वादे को तोड़ा।’ पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले साल अप्रैल में वह सत्ता में आए और बड़ी मुश्किलों के बाद पाकिस्तान को फिर से आईएमएफ प्रोग्राम हासिल हुआ।

‘आईएमएफ को पाकिस्तान पर नहीं भरोसा’

मिफ्ताह इस्माइल बोले, ‘सितंबर में पैसा आते ही मुझे निकाल दिया गया। इशाक डार आए और बोले कि मैं आईएमएफ के साथ इस प्रोग्राम पर फिर से बातचीत करूंगा… वगैरह, वगैरह। हमारा प्रवासी पाकिस्तानियों से आना वाला पैसा और निर्यात फर्श पर है और महंगाई अर्श पर। मुझे इन सबका मतलब समझ में नहीं आता और फिर हमने आईएमएफ के साथ तीसरा समझौता शुरू किया।’ उन्होंने कहा, ‘अब आईएमएफ वास्तव पर पाकिस्तान में विश्वास नहीं करता है, लेकिन आप क्या कर सकते हैं?’

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