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अमेरिका और रूस के बीच हवा में फिर तनातनी, अमेरिकी परमाणु बॉम्‍बर को सुखोई-35 विमान ने खदेड़ा

वॉशिंगटन/मास्‍को: रूस के काला सागर के ऊपर अमेरिकी ड्रोन विमान को टक्‍कर मारकर गिराने के बाद अब एक बार‍ फिर से दोनों ही देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। अमेरिका के परमाणु बम गिराने में सक्षम B-52H बॉम्‍बर और सुखोई-35 फाइटर जेट के बीच बाल्टिक सागर के ऊपर तनातनी हो गई। अमेरिकी बॉम्‍बर रूसी सीमा के पास बढ़ रहा था और इसको देख रूसी सुखोई-35 फाइटर जेट ऐक्‍शन में आ गया। हालांकि बाद में अमेरिकी बॉम्‍बर के रूसी सीमा से हटने के बाद सुखोई फाइटर जेट वापस लौट गया।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एक बाल्टिक सागर के ऊपर दो अमेरिकी बॉम्‍बर को रूसी सीमा के पास आता देख एक सुखोई 35 फाइटर जेट को रवाना किया गया। इससे पहले पिछले हफ्ते ही अमेरिकी निगरानी ड्रोन को रूसी सुखोई-27 फाइटर जेट ने टक्‍कर मारकर गिरा दिया था। यह घटना काला सागर में हुई थी। पिछले साल यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार अमेरिका और रूस के बीच सीधी टक्‍कर हुई थी। रूसी मीडिया ने बताया कि रेडॉर ने दोनों ही अमेरिकी बॉम्‍बर को रूस की सीमा की ओर आते हुए डिटेक्‍ट किया था।

काला सागर के ऊपर अमेरिकी ड्रोन को गिराया

रूस ने कहा कि हमने अपने फाइटर जेट को इसलिए भेजा ताकि अमेरिकी बॉम्‍बर हमारी सीमा का उल्‍लंघन नहीं कर सके। उसने यह भी कहा कि हमारे फाइटर जेट निर्दिष्‍ट इलाके तक पहुंचे थे। रूस ने कहा कि हमारे फाइटर पूरी तरह से अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों का पालन कर रहे थे। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि देश की सीमा के उल्‍लंघन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले शुक्रवार को रूस ने अपने उन दो पायलटों को राजकीय सम्‍मान से नवाजा जिन्‍होंने काला सागर के ऊपर अमेरिकी ड्रोन को गिरा दिया था।
रूस के रक्षा मंत्री ने अपने पायलट की तारीफ की और कहा कि उन्‍होंने अमेरिकी ड्रोन को क्रीमिया के पास उड़ने से रोक दिया। रूस ने आरोप लगाया है कि अमेरिका निगरानी विमानों की मदद से रूसी ठिकानों की जासूसी कर रहा है। इस सूचना को अमेरिका यूक्रेन को दे रहा है ताकि वह हमला करके उन्‍हें बर्बाद कर सके। रूस ने कहा कि इन विमानों को उड़ाकर अमेरिका उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। रूस आने वाले समय में भी अमेरिकी कार्रवाई का हर तरह से मुंहतोड़ जवाब देगा।

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