क्या विपक्ष एकजुट नहीं? लोकसभा स्पीकर के खिलाफ कांग्रेस का प्लान फेल
नई दिल्ली: जब से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता गई है, कांग्रेस पार्टी भाजपा पर और हमलावर हो गई है। 2016 का मामला उठाते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराने के मामले में दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने कहा है कि गुजरात के अमरेली से तत्कालीन सांसद नारणभाई काछड़िया को सजा होने के बाद कई हफ्ते तक लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य नहीं ठहराया गया था। जबकि राहुल गांधी को कोर्ट का फैसला आते ही अयोग्य करार दे दिया गया। विपक्षी दल ऊपरी अदालत में जाने की तैयारी कर रहा है। इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की लेकिन वह फिलहाल फ्लॉप होता दिख रहा है। हमारे सहयोगी अखबार ET की रिपोर्ट के मुताबिक कई विपक्षी दलों ने ऐसे किसी भी कदम के समर्थन में रुचि नहीं दिखाई है। विपक्षी नेताओं का मूड भांपकर कांग्रेस के नेताओं ने भी बुधवार को हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में यह मुद्दा नहीं उठाया। समान विचारधारा वाली पार्टियों के नेताओं की यह बैठक मल्लिकार्जुन खरगे के ऑफिस में हुई थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ सांसदों को लगता है कि विपक्ष का मूड और प्रक्रिया को लेकर औपचारिकताएं उनके फेवर में नहीं हैं। एक लोकसभा सदस्य ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेताओं ने बिना होमवर्क किए यह प्लान तैयार कर लिया था।’ BJD सांसद भातृहरि महताब ने ET से कहा, ‘सच्चाई यह है कि अब इस सत्र में वक्त नहीं बचा है क्योंकि ऐसे किसी प्रस्ताव के लिए कम से कम 14 दिनों का नोटिस देना होता है।’ बजट सत्र 6 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘मुझे ऐसे किसी प्रस्ताव की जानकारी नहीं है।