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पढ़िए Coca Cola बनाने की कहानी, ड्रग्स की आदत छुड़ाने के लिए बनी, फ्री में बंटी तो लोगों को लगी लत

नई दिल्ली : भारत में 1970 के दशक के लोकप्रिय सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड कैंपा कोला (Campa Cola) की बाजार में फिर से वापसी हो गई है। इस ब्रांड को मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) ने खरीदकर रिलॉन्च किया है। लेकिन सॉफ्ट ड्रिंग मार्केट में अभी भी कोका-कोला की धाक है। क्या आपको पता है कोका-कोला (Coca-Cola) की शुरुआत कैसे हुई थी। किसने इसे सबसे पहले बनाया था? यह एक बड़ी दिलचस्प कहानी है। कोका-कोला की खोज एक घायल फौजी ने की थी। वह इसे बना तो ड्रग्स का विकल्प रहा था, लेकिन कोका-कोला बन गई। पहले इसे सिर दर्द दूर करने के लिए पिया जाता था। आइए कोका-कोला की कहानी जानते हैं।

एक घायल फौजी ने की खोज

कोका कोला की खोज एक घायल फौजी ने की थी। अमेरिका में गृहयुद्ध के समय, साल 1865 में जॉन पेम्बर्टन नाम का एक लेफ्टिनेंट कर्नल बुरी तरह घायल हो गया था। फौजी अपने दर्द को दूर करने के लिए ड्रग्स लेने लगा था। फौजी को ड्रग्स की आदत लग गई थी। यह फौजी अपनी ड्रग्स की लत को दूर करने के लिए विकल्प तलाशने लगा। उसकी यह तलाश उसे कोका-कोला तक ले गई।

इस तरह बनी कोका कोला

वह फौजी पेम्बर्टन सेना में जाने से पहले फार्मेसी में काम करता था। ड्रग्स का विकल्प तलाशने के लिए वह फार्मेसी में रिसर्च करता रहा। उसने वर्षों मेहनत की, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर फौजी को एक साथी मिला। इसका नाम फ्रैंक रॉबिन्सन था। दोनों ने मिलकर एक केमिकल कंपनी की शुरुआत की। यहां भी पेम्बर्टन अपनी उसी ड्रिंक पर काम करने लगा। बड़ी मेहनत के बाद मई 1886 में पेम्बर्टन ने एक ड्रिंग बनाई। फौजी ने इसमें सोडा मिलाकर लोगों को टेस्ट कराया। लोगों यह ड्रिंक काफी अच्छी लगी।

और नाम रख दिया कोका-कोला

फौजी की बनाई इस ड्रिंक में कोरा अखरोट से कोका पत्ती और कैफीन वाले सिरप का नुस्खा मिला था। पेम्बर्टन के साथी फ्रैंक ने इस ड्रिंक का नाम कोका-कोला रखा। इसकी शुरुआती कीमत 5 सेंट प्रति गिलास थी। पहली बार 8 मई 1886 को जैकब फार्मेसी में कोका-कोला बेची गई। पहले साल केवल 9 गिलास रोजाना के हिसाब से सेल हुई। शुरुआत में कोका-कोला की बिक्री में नुकसान उठाना पड़ा था। पहले साल करीब 50 डॉलर की कमाई हुई थी। जबकि इसमें 70 डॉलर से अधिक की तो लागत ही आ गई थी।

मुफ्त में पिलाकर लगाई आदत

कोका कोला के फार्मूले को साल 1887 में 2,300 डॉलर की कीमत देकर अटलांटा के एक फार्मासिस्ट बिजनेसमैन आसा ग्रिग्स कैंडलर ने खरीद लिया। कैंडलर ने कोका-कोला को सफल बनाने के लिए तरकीब निकाली। उसने लोगों को इसकी लत लगाने के लिए मुफ्त में यह ड्रिंक बांटी। इसके बाद लोगों को इसका ऐसा स्वाद लगा कि यह दुनियाभर में फेमस हो गई।

फिर बनी अमेरिका की पॉपुलर ड्रिंक

खूब विज्ञापन किये जाने की बदौलत साल 1890 तक कोका-कोला अमेरिका की सबसे लोकप्रिय ड्रिंक बन गई। ऐसा कहा जाता है कि लोग सिर दर्द की दवा के रूप में और थकान दूर करने के लिए इस ड्रिंक को पीते थे। आज दुनिया भर में करीब दो अरब से ज्यादा कोका-कोला की बोतलें रोज बिकती हैं।

देशभक्ति से भी जुड़ा नाम

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हजारों अमेरिकी सैनिक दूसरे देशों में भेजे जा रहे थे। उस समय कोका कोला के अध्यक्ष रॉबर्ट वुड्रफ ने निर्णय लिया कि कोका कोला की बोतल पांच सेंट में मिलती हैं, लेकिन सैनिकों पर कंपनी अपनी तरफ से पैसा खर्च करेगी। इस युद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों ने खूब कोका कोला का मजा उठाया। उस समय इस ड्रिंक को देशभक्ति से भी जोड़ा गया।

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