कोरोना के बाद क्यों भारत में क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के केस? स्टडी के बाद एक्शन प्लान तैयार करेगी सरकार
नई दिल्ली: कोविड के बाद कार्डिएक अरेस्ट के सामने आ रहे मामलों को लेकर देश का इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) स्टडी कर रहा है, जिसकी रिपोर्ट अगले दो महीने के भीतर आ सकती है। ICMR यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि कोविड-19 और हार्ट अटैक के बीच क्या कोई संबंध है? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि हार्ट अटैक से होने वाली मृत्यु पर ICMR डिटेल स्टडी कर रहा है। जल्द ही इस पर रिपोर्ट आएगी।
डॉ. मांडविया ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद सरकार एक्शन प्लान तय करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी कई घटनाएं सामने आई, जिसमें पब्लिक प्रोग्राम के दौरान कई लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई है। इस मसले पर ICMR के वैज्ञानिकों के साथ तीन बैठकें की गईं और इसके क्या कारण है, इसका पता लगाने के लिए एक स्टडी चल रही है।
अचानक हार्ट अटैक आने के कई वीडियो वायरल
अचानक हार्ट अटैक आने के कारण हुई मौत के कई विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। नाचते-गाते, चलते-फिरते हुए कई लोगों की मौत हो गई और उनमें युवा भी शामिल हैं। युवाओं में कार्डिएक अरेस्ट के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के सवाल भी उठाए जा रहे हैं। इसे कोविड से जोड़कर भी इसे देखा जा रहा है। ICMR ऐसे 400 से 500 लोगों की पहचान कर रहा है, जिनको हार्ट अटैक आया है। यह जांच होगी कि उन लोगों को कोविड हुआ था या नहीं? कोविड के बाद भी क्या कोई परेशानी हुई थी? उनको क्या कोई और भी बीमारी थी, उनके वैक्सिनेशन स्टेटस को भी देखा जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि जो दवा कंपनियां क्वॉलिटी से समझौता करती है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। देश में 10500 से ज्यादा फॉर्मा कंपनियां है। दवा पब्लिक हेल्थ से जुड़ा विषय है और दवा की क्वॉलिटी के साथ किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्यों में भी ड्रग कंट्रोलर होते है, जो इंस्पेक्शन करते हैं। साथ ही भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया भी दवाओं की गुणवत्ता पर खास नजर रखता है। अगर कहीं भी कम गुणवत्ता वाली दवा मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जाती है। केंद्र सरकार ने घटिया दवाओं के निर्माण की वजह से 18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए हैं।