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घायल और चश्मदीद के बयान ज्यादा महत्वपूर्ण सबूत, नहीं कर सकते खारिज… जानिए किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी

नई दिल्ली: देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि घायल गवाह के बयान ज्यादा मूल्यवान सबूत हैं। ऐसे में उसे हल्के में रखते हुए खारिज नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने हत्या मामले में दो दोषियों की अपील को खारिज करते हुए अर्जी खारिज कर दी। शीर्ष अदालत के जस्टिस सुधांशु धुलिया की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि घायल गवाह का मूल्य ज्यादा महत्वपूर्ण है। अदालत ने कहा कि उसके बयान को तब तक हल्के में नहीं लिया जा सकता जब तक कि कोई ठोस कारण न हो।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाह की मौके पर मौजूदगी को तब तक संदेह के नजर से नहीं देखा जा सकता है जब तक कि उसके बयान में विरोधाभास न हो। कुछ मामूली विरोधाभास के आधार पर ऐसे गवाह पर संदेह नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि हत्या के दो आरोपियों को पूणे के सेशन कोर्ट ने दोषी करार दिया था। मामले में आरोपियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने दोषी करार दिए जाने को सही करार दिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया।

पेश मामले के मुताबिक याचिकाकर्ताओं के हाथों में तलवार और दरांती थी। उसने अब्बास बेग के शरीर पर हमला किया जिससे बेग की मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में तीन चश्मदीद थे। उनके बयान विश्वसनीय है। अदालत ने कहा कि चश्मदीद के बयान पर भरोसा न करने का कोई कारण नहीं दिखता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपील खारिज कर दी और याची को दी गई जमानत कैंसल करते हुए निर्देश दिया कि दोनों को हिरासत में लिया जाए।

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