दुनिया
पाकिस्तान के हालात से घबराया स्वीडन, इस्लामाबाद में खतरे का हवाला देकर दूतावास किया बंद
स्टॉकहोम: स्वीडन की सरकार ने पाकिस्तान में अपना दूतावास बंद कर दिया है। यह फैसला पाकिस्तान की मुश्किलों को बढ़ाने वाला है। स्वीडन ने देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया है। उसने इसके पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। विशेषज्ञों की मानें तो इस फैसले का सीधा असर पाकिस्तान के व्यापार, शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और साथ ही देश की छवि पर पड़ेगा। पहले ही आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान के लिए स्वीडिश सरकार का यह फैसला मुसीबतों को बढ़ाने वाला है। इस फैसले पर अभी पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया नहीं आई है।
क्या है स्वीडिश सरकार का आदेश
जो आदेश स्वीडन की तरफ से जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए दूतावास को आंगुतकों के लिए बंद किया जाता है। आदेश में बताया गया है कि दूतावास का प्रवासी विभाग इस समय किसी भी तरह के अनुरोध को पूरा करने में असक्षम है। साथ ही कोई भी डॉक्यूमेंट भी बाकी दूतावासों को नहीं भेजा जा सकता है।
जो आदेश स्वीडन की तरफ से जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए दूतावास को आंगुतकों के लिए बंद किया जाता है। आदेश में बताया गया है कि दूतावास का प्रवासी विभाग इस समय किसी भी तरह के अनुरोध को पूरा करने में असक्षम है। साथ ही कोई भी डॉक्यूमेंट भी बाकी दूतावासों को नहीं भेजा जा सकता है।
दूतावास की तरफ से कहा गया है कि इस समय इस बात का जवाब नहीं दिया जा सकता है कि आखिर इसे दोबारा कब खोला जाएगा। वहीं अब माना जा रहा है कि इस फैसले का असर दोनों देशों विशेषकर पाकिस्तान पर बड़े स्तर पर पड़ने वाला है। हाल ही में कुरान जलाए जाने की घटना को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव हुआ था।
पांच अप्रैल को हुआ ऐलान
5 अप्रैल को, इस्लामाबाद में स्वीडिश दूतावास ने सुरक्षा चिंताओं के कारण अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की थी। 11 अप्रैल को तय किया गया कि दूतावास के साथ ही साथ ऑन-साइट सेवाएं और दस्तावेज वितरण को अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया जाएगा। दूतावास की तरफ से हालांकि यह नहीं बताया गया है कि आखिर किस तरह के खतरों के चलते उसने यह फैसला किया है।
पांच अप्रैल को हुआ ऐलान
5 अप्रैल को, इस्लामाबाद में स्वीडिश दूतावास ने सुरक्षा चिंताओं के कारण अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की थी। 11 अप्रैल को तय किया गया कि दूतावास के साथ ही साथ ऑन-साइट सेवाएं और दस्तावेज वितरण को अगली सूचना तक के लिए बंद कर दिया जाएगा। दूतावास की तरफ से हालांकि यह नहीं बताया गया है कि आखिर किस तरह के खतरों के चलते उसने यह फैसला किया है।
पाकिस्तान और स्वीडन के बीच सन् 1951 से राजनयिक संबंध हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग के कई समझौते हुए हैं। साल 2003 में, इन क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के लिए एक संयुक्त घोषणा पर साइन किए गए थे। हाल के कुछ सालों में, दोनों देशों ने अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए मिलकर काम किया है।
ईशनिंदा कानून के विरोध में स्वीडन
साल 2019 में स्वीडन के विदेश मंत्री मार्गोट वॉलस्ट्रॉम ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान और बाकी अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी। उनकी इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, रक्षा और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा हुई थी। पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव भी रहा है। इन कानूनों को स्वीडन में विवादास्पद के रूप में देखा गया है, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सबसे ऊपर रखा जाता है। साल 2012 में, एक स्वीडिश अखबार में पैगंबर मुहम्मद के कार्टून पर पाकिस्तान के साथ ही बाकी मुस्लिम देशों ने भी जमकर विरोध किया था।
ईशनिंदा कानून के विरोध में स्वीडन
साल 2019 में स्वीडन के विदेश मंत्री मार्गोट वॉलस्ट्रॉम ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान और बाकी अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी। उनकी इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, रक्षा और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा हुई थी। पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव भी रहा है। इन कानूनों को स्वीडन में विवादास्पद के रूप में देखा गया है, जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सबसे ऊपर रखा जाता है। साल 2012 में, एक स्वीडिश अखबार में पैगंबर मुहम्मद के कार्टून पर पाकिस्तान के साथ ही बाकी मुस्लिम देशों ने भी जमकर विरोध किया था।