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मिलिट्री ड्रिल को हल्‍के में न ले ताइवान… चीन ने सैन्‍य अभ्‍यास खत्‍म होने के बाद दी कब्‍जा करने की धमकी

बीजिंग: चीन का कहना है कि ताइवान के आसपास उसका व्यापक स्तर पर किया गया सैन्य अभ्यास द्वीप राष्ट्र को ‘एक कड़ी चेतावनी’ है। चीन के ताइवान से जुड़े मामलों के कार्यालय की प्रवक्ता झू फेंगलियन ने कहा, ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने हाल ही में ताइवान जलडमरूमध्य और आसपास के समुद्री क्षेत्र में कई अभ्यास किए, जो ताइवान की स्वतंत्रता की समर्थक अलगाववादी ताकतों और बाहरी ताकतों की मिलीभगत और उकसावे के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी है।’ झू फेंगलियन ने कहा, ‘देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए यह एक आवश्यक कार्रवाई है।’

अपने दम पर करेगा कब्‍जा
चीन का तीन दिवसीय व्यापक अभ्यास सोमवार को समाप्त हुआ। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी की ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से पिछले सप्ताह कैलिफोर्निया में मुलाकात के बाद चीन की ओर से यह आक्रामक कार्रवाई की गई। चीन का दावा है कि ताइवान उसका हिस्सा है और यदि जरूरत पड़ी तो वह बल के दम पर उसे अपने नियंत्रण में लेगा। वह नियमित रूप से जहाजों और युद्धक विमानों को द्वीप के पास हवाई तथा समुद्री क्षेत्र में भेज रहा है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने पिछले 24 घंटे के भीतर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के युद्धक विमानों की 35 उड़ानों और द्वीप के आसपास के पानी में नौसेना के आठ जहाजों की गतिविधियों का पता लगाया है।

आजादी की साजिश का आरोप
चीन ताइवान के सरकारी संस्थानों को मान्यता नहीं देता है और उसने साई के प्रशासन से सभी तरह के संपर्क तोड़ रखे हैं। वह साई पर नियमित रूप से बाहरी समर्थन के साथ औपचारिक स्वतंत्रता की साजिश रचने का आरोप लगाता है – जिसे आमतौर पर अमेरिका के संदर्भ में देखा जाता है। झू ने कहा, ‘ बाहरी ताकतें ताइवान का एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर चीन को रोकने के अपने प्रयास तेज कर रही हैं।’ झू ने चीन के उस दावे को दोहराया कि उसकी सैन्य कार्रवाई ताइवान की स्वतंत्रता, अलगाववादी गतिविधियों और बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप के खिलाफ है… यह ताइवान में हमारे हमवतनों के खिलाफ नहीं है।
युद्ध की तैयारी कर रहा चीन!
चीन सरकार दावा करती है कि ताइवान उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सरकार का कहना है कि यह स्वशासित द्वीप पहले से ही संप्रभु राष्ट्र है और चीन का हिस्सा नहीं है। इस बीच ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा है कि चीन की मिलिट्री ड्रिल से ऐसा लगता है कि वह युद्ध की तैयारी कर रहा है। वहीं ताइवानी राष्‍ट्रपति साई इंग वेन की मानें तो चीन का यह रवैया काफी गैरजिम्‍मेदाराना है। चीन और ताइवान के बीच पिछले साल अगस्‍त से ही तनाव जारी है। उस समय तत्‍कालीन अमेरिकी कांग्रेस स्‍पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर गई थीं। तब भी चीन ने मिलिट्री के जरिए ताइवान की घेराबंदी की थी।

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