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डिस्काउंट पर क्रूड ऑयल देने को तैयार हुआ रूस, पुतिन सरकार ने पुष्टि नहीं की

पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसद्दिक मलिक ने दावा किया है कि व्लादिमिर पुतिन सरकार उनके देश को डिस्काउंटेड रेट्स पर क्रूड ऑयल सप्लाई करने पर राजी हो गई है। मलिक का दावा हैरान करने वाला है। दरअसल, 2 दिन पहले ही रूस और पाकिस्तान के मीडिया ने कहा था कि रूस ने पाकिस्तान को भारत की तर्ज पर किफायती दाम पर तेल देने से इनकार कर दिया है।

पाकिस्तान के अखबार ‘द न्यूज’ ने एक ऐसे अफसर के हवाले से यह दावा किया था जो मलिक के साथ मॉस्को दौरे पर गया था। इस विजिट के दौरान ही तेल की कीमत पर बातचीत हुई थी।

मंत्री का दावा क्या है

  • पेट्रोलियम मिनिस्टर मलिक ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हाल ही में हमारा रूस दौरा कामयाब रहा। रूस सरकार ने पाकिस्तान को डिस्काउंटेड रेट्स पर क्रूड ऑयल, पेट्रोल और डीजल देने का भरोसा दिलाया है। हमें खुद इस दौरे के इतने कामयाब होने की उम्मीद नहीं थी। अगले महीने रूस की पेट्रोलियम मिनिस्ट्री का एक डेलिगेशन पाकिस्तान आ रहा है।
  • मलिक की अगुआई में पिछले हफ्ते एक डेलिगेशन मॉस्को गया था। इसमें पेट्रोलियम सेक्रेटरी मोहम्मद महमूद, ज्वॉइंट सेक्रेटरी और कई बड़े अफसर भी शामिल थे।
  • बहरहाल, मलिक ने सोमवार को कहा- रूस ने हमसे कहा है कि उसके पास फिलहाल LNG नहीं है। इसके लिए हम वहां की प्राईवेट कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा गवर्नमेंट लेवल पर भी लिक्विड पेट्रोलियम गैस की खरीद पर बातचीत चल रही है।
  • सच्चाई क्या है
    पिछले हफ्ते पाकिस्तान के बड़े अखबार ‘द न्यूज’ ने मॉस्को से लौटे एक अफसर के हवाले से दावा किया था कि रूस ने साफ कर दिया है कि वो पाकिस्तान को क्रूड ऑयल, पेट्रोल और डीजल पर 40% डिस्काउंट नहीं दे सकता। दरअसल, पाकिस्तान की मांग है कि पुतिन सरकार भारत को जितना डिस्काउंट देती है, उतना ही पाकिस्तान को भी दे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रूस इसके लिए तैयार नहीं है।

    अब मलिक के दावे से मामला उलझ गया है। यह तय करना मुश्किल हो गया है कि मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं या पाकिस्तान के मंत्री का बयान। दूसरी तरफ, अब तक रूस सरकार ने इस मामले में कुछ साफ नहीं किया है।

    मलिक ने यह भी कहा है कि ईरान भी पाकिस्तान को लिक्विड पेट्रोलियम गैस यानी LPG की सप्लाई बढ़ाने को तैयार हो गया है। फिलहाल, पाकिस्तान सरकार ईरान से 20 हजार टन LPG इम्पोर्ट करती है।

    भारत आयात पर निर्भर
    भारत अपनी जरूरत का 80% तेल आयात करता है। भारत ने अप्रैल में रूसी तेल आयात को बढ़ाकर लगभग 2 लाख 77 हजार बैरल प्रति दिन कर दिया, जो मार्च में 66 हजार बैरल प्रति दिन था। बीते साल 8 ऐसे देश थे जिनसे भारत ने रूस की तुलना में अधिक तेल खरीदा था, लेकिन इस के अप्रैल तक यह आंकड़ा कहीं ज्यादा हो गया है। खपत के मामले में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है।

    अमेरिका और सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां से रोजाना करीब 50 लाख बैरल क्रूड ऑयल का निर्यात किया जाता है। निर्यात का 50% से ज्यादा हिस्सा यूरोप को सप्लाई होता है।

  • चौथा बड़ा सप्लायर है रूस
    रूस अप्रैल में भारत का चौथा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल सप्लायर बन गया। इससे अधिक क्रूड भारत इराक, सऊदी अरब और UAE से खरीद रहा है। भारत के कुल क्रूड आयात में अफ्रीकी तेल की हिस्सेदारी मार्च में 14.5% से घटकर अप्रैल में 6% रह गई, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी करीब आधी होकर मात्र 3% तक सिमट गई।

    मार्च 2022 तक भारत जहां रूस, कजाकिस्तान और अजरबैजान से मात्र 3% तेल खरीद रहा था। सिर्फ एक महीने बाद यह हिस्सा बढ़कर 11% पर पहुंच गया। भारत ने रूस से मार्च 2022 में 3 लाख बैरल प्रतिदिन और अप्रैल में 7 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड ऑयल खरीदा। 2021 में ये औसत महज 33 हजार बैरल प्रतिदिन का था। रूसी हमले से पहले भारत अपने कुल इंपोर्ट का 1% रूस से खरीदता था, जो अब बढ़कर 17% हो गया है।

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