सिगरेट से 56 बीमारियों का खतरा, चीनियों पर रिसर्च:वहां स्मोकिंग से सालाना 10 लाख मौतें
दुनिया में स्मोकिंग करने वाले 40% लोग चीन में रहते हैं। हाल ही में लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, इन्हें धूम्रपान न करने वालों की तुलना में 56 बीमारियों का खतरा ज्यादा है। इसमें कई प्रकार के कैंसर से लेकर दिल, दिमाग, लिवर और आंखों की बीमारियां तक शामिल हैं।
20 की उम्र से पहले लग रही स्मोकिंग की लत
इस रिसर्च को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और कई चीनी रिसर्च इंस्टीट्यूट्स ने मिलकर किया है। इसके लिए चाइना कडूरी बायोबैंक के डेटा का इस्तेमाल किया गया। स्टडी में 5 लाख 12 हजार से ज्यादा लोगों की सेहत को करीब 11 साल तक फॉलो किया गया। इसमें लगभग 3 लाख महिलाएं थीं, लेकिन रेगुलर स्मोकिंग करने वाले 74.3% पुरुष थे।
स्टडी में शामिल रिसर्चर लिमिंग ली ने बताया- चीन में दो तिहाई पुरुष 20 साल की उम्र से पहले ही सिगरेट के आदी हो जाते हैं। धूम्रपान न छोड़ने पर इनमें से आधे लोगों को अपनी लत के कारण जान गंवानी पड़ती है। बता दें कि चीन में स्मोकिंग से हर साल 10 लाख लोगों की मौत होती है। यानी हर दिन औसतन 3 हजार लोगों की जान जा रही है।
स्मोकिंग से लैरिंक्स कैंसर का खतरा 216%
वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों ने जीवन में कभी सिगरेट नहीं पी, उनके मुकाबले धूम्रपान करने वालों को कोई भी बीमारी होने का जोखिम 10% ज्यादा होता है। सबसे ज्यादा रिस्क लैरिंक्स कैंसर का है। इसका खतरा 216% तक है। लैरिंक्स को वॉइस बॉक्स या कंठ कहते हैं।
रेगुलर स्मोकर्स को कुल मिलाकर 56 बीमारियों का खतरा होता है। इनमें से 50 रोग पुरुषों को और 24 रोग महिलाओं को शिकार बना सकते हैं। साथ ही 22 बीमारियां मौत का कारण बन सकती हैं। इनमें 17 पुरुषों और 9 महिलाओं की जान ले सकती हैं। बीमारियों में 10 ह्रदय रोग, 14 सांस संबंधी रोग, 14 कैंसर, 5 पेट संबंधित रोग और 13 डायबिटीज व मोतियाबिंद जैसी अन्य बीमारियां शामिल हैं।
सही वक्त पर स्मोकिंग छोड़ना फायदेमंद
रिसर्च के नतीजे कहते हैं कि जिन लोगों ने बीमारी होने से पहले धूम्रपान छोड़ा, उन्हें अगले 10 साल बाद रोगों का खतरा उतना ही था जितना नॉर्मल लोगों को होता है। यानी सही समय पर स्मोकिंग छोड़ने से हम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। रिसर्च में शामिल प्रोफेसर झेंगमिंग चेन कहते हैं कि चीन में सिगरेट की कीमत बढ़ाने से और पैकेट पर प्रभावी चेतावनी देने से लाखों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।