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अयोध्या में पकडे गए खालिस्तानी समर्थकों को रिमांड पर लेगी ATS, गैंगस्टर की खालिस्तानी आतंकी पन्नू से रिश्ते की करेगी पड़ताल

लखनऊ : खालिस्तानी आतंकी पन्नू के कहने पर अयोध्या में रेकी कर बड़ी घटना को अंजाम देने का प्रयास करने के आरोपी शंकर लाल दूसाद उर्फ शंकर जाजोद, अजीत कुमार शर्मा और प्रदीप पुनिया को सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिए जाने आदेश एटीएस के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने दिया है. एटीएस अभियुक्तों को हिरासत में लेकर 26 जनवरी से एक फ़रवरी तक पूछताछ करेगी.

इसके पूर्व एटीएस ने गत 19 जनवरी को तीनों अभियुक्तों को अयोध्या से गिरफ्तार करके 20 जनवरी को कोर्ट में पेश किया था. अभियुक्तों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिए जाने की मांग संबंधी अर्जी देते हुए सरकारी वकील एमके सिंह ने कोर्ट को बताया कि मामले की रिपोर्ट एटीएस थाने में इंस्पेक्टर ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने दर्ज कराई है. इसमें कहा गया है कि उन्हें सूचना मिली कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कुछ लोग आतंकी घटना कारित करने के उद्देश्य से अयोध्या की रेकी कर रहे हैं.

इस सूचना पर एटीएस ने स्कॉर्पियो में सवार तीनों अभियुक्तों शंकर लाल, अजीत कुमार और प्रदीप पुनिया को गिरफ़्तार कर लिया. पूछताछ में पहले तो आरोपी एटीएस टीम को बरगलाते रहे लेकिन बाद में शंकर लाल ने बताया कि वह 2016 में बीकानेर की जेल में बंद था. जहां उसकी मुलाकात खालिस्तानी आतंकवादी सुखविंदर सिंह सुक्खा के साथी लखविन्दर सिंह से हुई. उसने अपने भांजे पम्मा से मुलाकात करने का निर्देश दिया और पम्मा ने कनाडा में रहने वाले सुखविंदर सिंह से बात करने को बोला. कहा गया कि आरोपी ने कई बार सुखविंदर से बात की और सुखाविंदर की हत्या के बाद आरोपी शंकर लाल कई अन्य आतंकियों से बात करता रहा.

बताया गया कि कनाडा में रह रहे खलिस्तानी आतंकियों ने गुरुपत्वन्त सिंह का नाम लेकर उसे अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की रेकी करने के लिए कहा था. वहां का नक्शा भेजने के लिए कहा था. बताया गया कि अभियुक्त को निर्देश दिए गए थे कि उसे आतंकी घटना करित करने के लिए और सामग्री दी जाएंगी. अर्जी में कहा गया कि अभियुक्तों से बरामद मोबाइल का डाटा विश्लेषण करने के बाद उनसे पूछताछ करनी है, उनके बैंक खातों की जानकारी, उनके खालिस्तानी और राष्ट्र विरोधी सपर्कों की जानकारी करके उन्हें चिन्हित करना है. अभियुक्तों को अयोध्या ले जाकर उनके उद्देश्य की जानकारी करनी है.

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