इसरो के POEM-3 की मिली बड़ी सफलता, ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म पर किए सभी परीक्षण सफल, जानें क्या है अगला मिशन

इसरो ने बताया है कि इसका स्वदेशी प्लेटफॉर्म- POEM-3 (पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-3) काफी प्रभावी है। इसरो के मुताबिक पोयम-तीन अपने पेलोड से जुड़े सभी मकसदों को पूरा करने में सफल रहा है। इसरो ने कहा कि यह अनोखा और सस्ता अंतरिक्ष प्लेटफॉर्म पीएसएलवी सी-58 रॉकेट के पीएस4 चरण का इस्तेमाल कर विकसित किया गया है। पोयम-तीन की मदद से इसरो ने विभिन्न संस्थानों और उद्योगों के पेलोड सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए हैं। इस तरह पोयम-3 के सभी पेलोड उद्देश्यों को पूरा कर चुका है।
इसरो इनसेट-3 डीएस के प्रक्षेपण के लिए तैयार
साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने शनिवार को कहा कि उसके मौसम संबंधी उपग्रह इनसेट-3डीएस को जीएसएलवी एफ14 पर प्रक्षेपण के लिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) एसएचएआर के लिए रवाना कर दिया गया है। उपग्रह ने यूआर राव उपग्रह केंद्र, में उपग्रह संयोजन, एकीकरण और परीक्षण गतिविधियों को सफलतापूर्वक पूरा किया था। इसरो ने कहा, इनसेट 3डीएस, इसरो द्वारा निर्मित एक विशिष्ट मौसम संबंधी उपग्रह है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य मौजूदा कक्षा में इनसेट-3डी और 3डीआर उपग्रहों को सेवाओं की निरंतरता प्रदान करना और इनसेट प्रणाली की क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। उपग्रह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के साथ एक उपयोगकर्ता-वित्त पोषित परियोजना है। सूत्रों के मुताबिक, अंतरिक्ष एजेंसी फरवरी के मध्य में प्रक्षेपण का लक्ष्य लेकर चल रही है।
25 दिनों में 400 परिक्रमा पूरी हुई
इसरो के मुताबिक POEM-3 नौ पे-लोड के साथ प्रक्षेपित किया गया था। इसमें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, शिक्षा और अंतरिक्ष स्टार्ट-अप शामिल थे। पीएसएलवी सी-58 रॉकेट की मदद से इसी साल 1 जनवरी को XPoSat लॉन्च किया गया था। पोयम-तीन के बारे में इसरो ने बताया कि 25वें दिन इसने 400 परिक्रमाएं पूरी कर लीं। इसरो ने कहा, POEM-1 से POEM-3 के मिशनों में कुल 21 पेलोड उड़ाए हैं।
बिजली उत्पादन और टेलीकमांड क्षमता से लैस
इसरो ने बताया कि प्रक्षेपण के बाद लगातार 25 दिनों तक पेलोड वैज्ञानिकों की योजना के अनुसार परिचालित किए गए। इनका प्रदर्शन भी शानदार रहा। POEM-3 तीन अक्षों (three-axis-attitude) वाला प्लेटफॉर्म है। इसमें पेलोड का समर्थन करने के लिए बिजली उत्पादन और टेलीकमांड और टेलीमेट्री क्षमता से लैस है। अनुमान के मुताबिक POEM-3 पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करने से पहले लगभग 73 दिनों तक परिक्रमा करता रहेगा।
अंतरिक्ष में शून्य मलबा; अगले 75 दिनों में POEM-3 का दोबारा प्रवेश
इसरो ने कहा, अगले 75 दिनों में POEM-3 के दोबारा प्रवेश की संभावना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का दावा है कि PSLV-C58 XPoSat मिशन अंतरिक्ष में शून्य मलबा छोड़ेगा।आगामी POEM कॉन्फिगरेशन सहित भविष्य के मिशनों के लिए डेटा तैयार किया जाएगा। इसके लिए POEM-3 के साथ और अधिक प्रयोग करने की योजना बनाई गई है।