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यूपीआई से 2000 रुपये के ऊपर के लेनदेन पर क्या अब लगेगा GST? सरकार ने दिया ये जवाब

18 अप्रैल को वित्त मंत्रालय ने मीडिया में चल रही उन खबरों को “पूरी तरह झूठी और भ्रामक” बताया, जिनमें दावा किया गया था कि सरकार ₹2,000 से अधिक की यूपीआई (UPI) लेनदेन पर जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि “वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है।”

UPI पर MDR नहीं, इसलिए GST भी नहीं

सरकार के अनुसार, वर्तमान में यूपीआई ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं लगाया जाता, इसलिए जीएसटी की कोई बात ही नहीं उठती। जनवरी 2020 से सरकार ने पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) यूपीआई पेमेंट्स पर MDR हटा दिया था।

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना

सरकार ने बताया कि UPI जैसे डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए 2021-22 से एक विशेष प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत सरकार ने FY 2022-23 में ₹2,210 करोड़ और FY 2023-24 में ₹3,631 करोड़ का प्रोत्साहन दिया, जो छोटे व्यापारियों और लो-वैल्यू ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देता है।

UPI लेनदेन में जबरदस्त वृद्धि

मंत्रालय ने जानकारी दी कि यूपीआई ट्रांजैक्शन वैल्यू ₹21.3 लाख करोड़ (FY 2019-20) से बढ़कर मार्च 2025 तक ₹260.56 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है। ACI वर्ल्डवाइड रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारत ने 2023 में विश्व के 49% रियल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन में हिस्सेदारी की, जिससे यह क्षेत्र में अग्रणी बन गया।

GST कलेक्शन में भी भारी उछाल

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च में जीएसटी कलेक्शन ₹1.77 लाख करोड़ रहा जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.3% अधिक है। FY25 में कुल कलेक्शन 8.6% बढ़कर ₹19.56 लाख करोड़ तक पहुंच गया। घरेलू बिक्री से नेट टैक्स रेवेन्यू भी मार्च में 9.3% बढ़कर ₹1.38 लाख करोड़ हो गया।

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