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सऊदी के रेगिस्तान में विंटर गेम्स की तैयारी:रेत में सालभर जमी रहेगी बर्फ… क्योंकि इसके बाद टूरिज्म से होगी कमाई

सऊदी अरब के रेगिस्तान में अब आप दिन में भी ठिठुरेंगे। यहां साल के 12 महीने बर्फ जमी रहेगी। एक कृत्रिम झील भी होगी और अत्याधुनिक सुविधाओं वाले महल जैसे घर भी होंगे। 60 वर्ग किलोमीटर में तैयार हो रहे इस स्कीइंग रिजॉर्ट में होटल्स के 3600 कमरे और 2200 घर होंगे। रेगिस्तान में पहाड़ों के बीच बर्फ से बन रहा यह स्वर्ग नियोम सिटी है और परियोजना का नाम है ट्रोजेना। यह अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से 33 गुनी बड़ी होगी।

सऊदी अरब में होंगे एशियन विंटर गेम्स 2029
कतर के बाद अब सऊदी अरब में एशियन विंटर गेम्स 2029 की तैयारी चल रही है। दरअसल, दोहा में फीफा वर्ल्ड कप के सफल आयोजन के बाद अरब देशों की अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं की आयोजन क्षमता पर किसी को शक नहीं रहा। फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन 18.19 लाख करोड़ रुपए में किया गया था।

वहीं सऊदी अरब अपनी ट्रोजेना परियोजना पर दोगुने से ज्यादा 41.35 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। इसके 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है। इसके 3 साल बाद 2029 में यहां एशियन विंटर गेम्स का आयोजन होगा। यहां साल भर स्कीईंग और दूसरे विंटर स्पोर्ट्स खेले जा सकेंगे। लोग यहां छुटि्टयां मनाने भी आएंगे। इसे 6 जिलों में बांटा गया है।

टूरिस्ट्स के लिए 4 अलग-अलग मौसम होंगे
इन जिलों को एक्सप्लोर, डिस्कवर, गेटवे, वैली, रिलेक्स और फन नाम दिया गया है। जैसा कि नाम से ही साफ है कि इन अलग-अलग जिलों में अलग-अलग आकर्षण हैं और कोई भी अपने मूड के हिसाब से इनमें जा सकता है। इसमें एक वॉल्ट जोन भी होगा, एक तरह का वर्टिकल विलेज।

इसमें रेस्त्रां और खरीदारी के लिए ब्रांडेड दुकानें होंगी। आप 1500 से 2600 मीटर के पहाड़ों की ऊंचाई पर भी हैं, तो यहां तक तुरंत पहुंच सकते हैं। यहां 4 अलग-अलग मौसम तय किए गए हैं। सितंबर से नवंबर तक यहां आयुर्वेद से लेकर पंचकर्म के अलावा योग की भी व्यवस्था रहेगी।

दिसंबर से मार्च तक यहां स्कीइंग, स्नो बोर्डिंग, आइस स्केटिंग, विंटर फैशन वीक, फिल्म व म्यूजिक फेस्टिवल आयोजित होंगे। मई से सितंबर तक एडवेंचर सीजन में माउंटेन क्लाइंबिंग, बाइकिंग, हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग और एडवेंचर ट्राइथलॉन होगा। आर्ट फेयर्स, म्यूजिक एंड फूड फेस्टिवल और कल्चरल वीक का आयोजन भी होगा।

तेल के बाद पर्यटन की अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की तैयारी
दुनियाभर में वैकल्पिक ऊर्जा की बढ़ती मांग के बीच तेल पर निर्भरता कम होती जा रही है। ऐसे में सऊदी अरब अपने यहां पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। उम्मीद है कि ट्रोजेना परियोजना से 2030 तक सऊदी अरब को 8.3 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा और 10 हजार नई नौकरियां भी।

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