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चंदा कोचर की मुश्किल और बढ़ी, उम्रकैद तक हो सकती है सजा

नई दिल्ली: आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन मामले (ICICI-Videocon loan Fraud Case) में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को जमानत मिल गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी गलत तरीके से हुई। भले ही चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को कोर्ट से जमानत मिल गई हो, लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं होती दिख रही है। कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को आपराधिक विश्वासघात की धारा जोड़ने की अनुमति दे दी है। कोर्ट से मिली इजाजत के बाद सीबीआई अब आईसीआईसीआई मामले में आईपीसी की धारा 409 को जोड़ेगी। इस मामले में अधिकतम सजा उम्रकैद की हो सकती है।

मुश्किल में चंदा कोचर
मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई)को वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आपराधिक विश्वासघात की धारा जोड़ने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी अदालत की अनुमति के बिना जांच के दौरान धाराएं जोड़ या हटा सकते हैं। इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर और उनके व्यवसायी पति भी आरोपी हैं।

    पिछले महीने चंदा कोचर की गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने उनके खिलाफ मामले में आईपीसी धारा 409 जोड़ने का अनुरोध करते हुए विशेष अदालत का रुख किया था। यह धारा लोक सेवक या बैंकर द्वारा आपराधिक विश्वासघात से संबंधित है और इसमें दोषी को अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। आईपीसी की धारा 409 के तहत आरोपी को आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना हो सकती है। यह मामला गैर जमानती है। पूर्व बैंकर ने सीबीआई के इस कदम का विरोध किया था।

    हालांकि, विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एम.आर. पुरवार ने चंदा कोचर के वकील की आपत्ति को खारिज करते हुए कहाकि आरोपी को सुनने की आवश्यकता नहीं है। जांच एजेंसी ने चंदा कोचर के अलावा उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी बनाया है। तीनों को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था।

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