NSE की एक्स CEO Chitra Ramkrishna को मिल गई जमानत, जानिए पूरी बात

नई दिल्ली: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) को मनी लाउंडरिंग (Money laundering case) से जुड़े एक मामले में जमानत मिल गई है। यह जमानत दिल्ली हाई कोर्ट ने दी है। यह मामला इनफोर्सेमेंट डाइरेक्टरेट ने एनएसई के कर्मचारियों की कथित जासूसी और फोन टैपिंग से जुड़े मामले में दर्ज कराया है।
गुरुवार की सुबह चित्रा को मिली अच्छी खबर
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिम जसमीत सिंह ने इस मामले में चित्रा रामकृष्ण को गुरुतिवार को इस मामले में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा, ‘‘ आवेदन स्वीकार किया जाता है। आवेदक को जमानत दी जाती है।’’ रामकृष्ण को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित एनएसई को-लोकेशन घोटाले में गिरफ्तार किया था। उन्हें 14 जुलाई को ईडी ने हिरासत में लिया था। इस मामले पर 15 नवंबर को सुनवाई हुई थी और आर्डर को रिजर्व रख लिया था।
ईडी ने जमानत का किया था विरोध
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मौजूदा मामले में उनकी जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया था कि वह ‘‘मुख्य साजिशकर्ता’’ थीं। ईडी के अनुसार, फोन टैपिंग मामला साल 2009 से 2017 के बीच का है, जब एनएसई के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि नारायण, रामकृष्ण, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी, प्रमुख (परिसर) महेश हल्दीपुर तथा अन्य ने एनएसई तथा उसके कर्मचारियों से धोखाधड़ी करने की कथित साजिश रची थी।
क्या थी चित्रा की दलील
रामकृष्ण ने जमानत याचिका में दलील दी थी कि उनके खिलाफ कोई अनुसूचित अपराध नहीं बनता है और आरोप भी धन शोधन निवारण अधिनियम के दायरे में नहीं आते हैं। रामकृष्ण को 2009 में संयुक्त प्रबंध निदेशक (एमडी) एनएसई के रूप में नियुक्त किया गया था और 31 मार्च 2013 तक वह पद पर बनी रही। उन्हें एक अप्रैल 2013 को एमडी और सीईओ के रूप में पदोन्नत किया गया। एनएसई में उनका कार्यकाल दिसंबर 2016 में समाप्त हुआ था।