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पाकिस्तान ईशनिंदा मामले में 75 गिरफ्तार, 800 से अधिक पर एफआईआर, भीड़ ने थाने में घुसकर की थी आरोपी की हत्या

लाहौर : पाकिस्तान की पुलिस ने पंजाब प्रांत में ईशनिंदा के आरोप में एक व्यक्ति के अपहरण और उसकी हत्या किए जाने के मामले में 75 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में कट्टरपंथी संगठन तहरीक लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्य भी शामिल हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। भीड़ के हमले में मारा गया वारिस अली इस्सा पहले से ही पुलिस की हिरासत में था। इस मामले में 800 अधिक लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। ननकाना साहिब जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) असीम इफ्तिखार ने सोमवार को कहा, ‘विभिन्न मोबाइल वीडियो और सीसीटीवी क्लिप के माध्यम से संदिग्धों की पहचान की प्रक्रिया में अब तक हमने 75 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।’

उन्होंने कहा कि वारिस की नृशंस हत्या में एक धार्मिक संगठन के कार्यकर्ता भी शामिल थे। भीड़ ने उसके कपड़े फाड़ दिए और घसीटते हुए सड़क पर ले आए तथा पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी। वहीं, एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि टीएलपी कार्यकर्ता लोगों को भड़काने और भीड़ का नेतृत्व करने में शामिल थे। अधिकारी ने कहा, ‘गिरफ्तार किए गए लोगों में टीएलपी के कम से कम 10 सदस्य शामिल हैं। शेष टीएलपी कार्यकर्ताओं और इस जघन्य अपराध में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।’

‘जाओ, जाकर उसे कब्जे में ले लो’

पंजाब प्रांत के ननकाना जिले में शनिवार को सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित मुसलमानों की भीड़ पुलिस थाने में जमा हो गई। भीड़ में शामिल लोगों को इससे पहले मस्जिदों से की गई घोषणा में कहा गया था कि वारिस ने इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की एक प्रति का अपमान किया है, जाओ पुलिस थाने में जाकर उसे कब्जे में ले लो। जिला पुलिस प्रमुख बाबर सरफराज अल्पा के अनुसार, भीड़ ने वारिस पर जादू टोने के लिए अपनी पूर्व पत्नी और चाकू की तस्वीरों को किताब के पन्नों पर चिपकाने, प्रदर्शित करने और सड़कों पर फेंकने का आरोप लगाया था। ईशनिंदा के आरोप में पाकिस्तानी कानून के तहत मौत की सजा का प्रावधान है।

थाने में घुसकर भीड़ ने की हत्या

अधिकारियों के अनुसार, भीड़ ने शनिवार को वारबर्टन थाने पर धावा बोल दिया था। उनमें से कुछ ने दीवार पर चढ़ने के लिए लकड़ी की सीढ़ी का इस्तेमाल किया और थाना परिसर में भीड़ के प्रवेश करने के लिए मुख्य द्वार खोल दिया। इसके बाद सैकड़ों लोगों की भीड़ थाने में घुस गई। जब तक कैदी की जान बचाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचता, तब तक भीड़ ने उसे पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ में शामिल लोग उसके शव को जलाने ही वाले थे कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया।

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