खाखी के दामन पर दाग: यूपी के बाद अब राजस्थान में मन्दसौर जिले के टीआई,एसआई सहित 7 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हुई एफआईआर

मन्दसौर:-तत्कालीन शिवराज सरकार के बाद नवागत मोहन यादव सरकार के बनने के बाद भी खाखी के दामन पर दाग लगने की ख़बरों पर विराम नही लग रहा है
पूर्व में मन्दसौर जिले के पुलिसकर्मियों पर दूसरे राज्य यूपी जाकर एनडीपीएस का फर्जी केस बनाने के आरोप लगे थे जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिसकर्मियों पर एफआईआर हुई थी। जिसके बाद नवागत मोहन यादव सरकार में फिर एक बार मन्दसौर जिले के पुलिस अधिकारियो के विरुद्ध राजस्थान में एफआईआर हुई है
जानकारी के अनुसार राजस्थान प्रतापगढ़ की हतुनिया पुलिस ने मंदसौर जिले के नारायणगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह सिसोदिया, उप निरीक्षक संजय प्रताप,ऊनि राकेश चौधरी,ऊनि भरत चावड़ा,एएसआई अर्जुन सिंह अमित कुशवाह,जितेंद्र मालोट के खिलाफ धारा 451,330,343,365,384 389,506 तथा 120 के तहत केस दर्ज हुआ है
उक्त सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध पीड़िता फिजा मेवाती ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कोर्ट में परिवारवाद लगाया था। इसमें आरोप लगाया था कि मंदसौर पुलिस की टीम काली स्कॉर्पियो में रात को फरियादी के घर पहुंची और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया और भाई को छोड़ने के एवज में 50 लाख रुपए की मांग की थी तथा नहीं देने पर एनडीपीएस एक्ट का झूठा केस दर्ज कर दिया था!
जिले की पुलिस अधिकारी पर इस तरह का यह दूसरा मामला हुआ है इससे पूर्व में यूपी में भी मन्दसौर जिले के कुछ पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर हो चुकी है
फरियादी फिजा पिता छोटे खा मेवाती निवासी ग्राम हतुनिया जिला प्रतापगढ़ राजस्थान ने परिवारवाद में बताया कि 25 अक्टूबर की रात करीब 11:30 बजे के आसपास मेरे घर पर काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी लेकर मंदसौर जिले के पुलिसकर्मी आए। जिसमें नारायणगढ़ थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह अपने टीम के साथ थे उन्होंने दरवाजा खटखटाया लेकिन मैंने दरवाजा नहीं खोला इनके साथ हाजी मफ्फुर पिता पिरु अजमेरी ,मोहम्मद पिता इब्राहिम अजमेरी निवासी हतुनिया एवं हतुनिया थानाधिकारी शम्बू सिंह भी थे।
सभी जबरन बिना वारंट के घर में घुसे और सामान अस्त-व्यस्त कर दिया। इसके बाद धमकी देते हुए पूछा कि तुम्हारे पिता छोटे खा कहां है और घर में उपस्थित महिलाओं को मां-बहन की गाड़ी देकर अपमानित किया। इसके बाद जितेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि तुम्हारे भाई आसिफ ने जो ट्रक राहुल मोघिया को बेच दिया था। उसे दिनांक 25 अक्टूबर को जावरा से पकड़ा है और थाना पिपलिया मंडी में रखा है तुम्हारे भाई आसिफ वह ट्रक चालक भगवतीलाल को भी थाने पर बैठा रखा है इसके बाद वीडियो कॉल पर मेरे भाई को दिखाया ओर मामला रफा-दफा करने के लिए पिता से संपर्क कर 50 लाख रुपए लेकर पिपलिया मंडी थाने वह जितेन्द्र सिंह सिसोदिया से संपर्क करने की कहा। नहीं तो तुम्हारे भाई के साथ तुम्हारे पिता को भी एनडीपीएस एक्ट के किसी भी केस में झूठा फसा दूंगा।
उक्त सारी घटना का वीडियो भी मैने चुपके से अपने मोबाइल से बना लिया था। इस दौरान घर की तलाशी में पुलिस टीम को कोई अवैध वस्तु नहीं मिली एक पुलिस कर्मचारियों ने व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर मेरे भाई आसिफ को दिखाया जिसमें उसे किसी जगह पर बैठा रखा था। इसके बाद तीन दिन तक अवैध रूप से भाई को उनके कब्जे में रखा। तथा रुपये नहीं मिलने पर उसे झूठा केस में फसा दिया!
पहले ही बेच चुके हैं ट्रक
फरियादी ने बताया कि भाई आसिफ व पिता छोटे खां ट्रक ड्राइवर हैं। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पिता ने 21 जुलाई 2022 को अपना ट्रक राहुल मोगिया को बेचा था। ट्रक बेचने के बाद भाई आसिफ भी उसी ट्रक पर चालक भगवतीलाल के साथ खलासी का काम कर रहा था। पिता छोटे खां दूसरे के ट्रक चला रहे हैं।
जेल में बंद भाई से मुलाकात में पता चली हकीकत
पिपलिया मंडी पुलिस ने बाद में आसिफ के कब्जे से डेढ़ किलो स्मैक जब्त कर एनडीपीएस एक्ट का प्रकरण दर्ज कर लिया था। इसके बाद फिजा अपने भाई आसिफ से मिलने मंदसौर जिला जेल गई। आसिफ ने बताया कि 25 अक्टूबर 2022 की शाम को में एसआई भरत चावड़ा, एसआई राकेश चौधरी, एएसआई अर्जुन सिंह व आरक्षक जितेंद्र मालोद ने जावरा से पकड़कर पिपलिया मंडी थाने ले जाकर बंद किया व मारपीट की। भगवतीलाल ड्राइवर को भी पकड़ा और झूठा फंसा दिया है।
उन्होंने बताया कि ट्रक में जीपीएस लगा हुआ था और सभी पुलिसकर्मियों के पास मोबाइल थे। उनकी लोकेशन भी निकाली जा सकती है। इस घटना सूचना छह सितंबर 2023 को प्रतापगढ़ एसपी को भी दी थी। इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर परिवाद अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़ के यहां पेश किया गया।
यह लगें आरोप
न्यायालय में लगाए परिवाद में फिजा ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस ने अपराधिक षड्यंत्र कर भाई आसिफ का अपहरण कर तीन दिन छुपाकर रखा और रुपये ऐंठने के लिए उसके साथ मारपीट की। रात में जुर्म करने की नीयत से हथुनिया स्थित मकान में अनाधिकृत रूप से घुसकर अपमानित करने के साथ ही 50 लाख रुपये नहीं देने पर एनडीपीएस एक्ट के झूठे केस में पिता व भाई को फंसाने की धमकी दी। रुपये नहीं मिलने पर झूठे केस में फंसा दिया।