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अमेरिका, यूरोप… बच्‍चे ही बने अपनों के कातिल, बहा रहे खून, सर्बिया के स्‍कूल में फायरिंग से सदमे में दुनिया

बेलग्रेड: सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में 13 साल के बच्‍चे ने आठ बच्‍चों की जान ले ली और यूरोप में हलचल मचा दी। अभी तक दुनिया अमेरिका में फायरिंग की ऐसी घटनाओं के बारे में सुनती थीं मगर अब सर्बिया में भी ऐसी ही घटनाएं देखने को मिलने लगी हैं। इस घटना में कई बच्‍चे गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। हैरान करने वाली बात है कि बच्‍चे ने पहले कागज पर हमले का एक स्‍केच बनाया था। अधिकारियों की तरफ से हुई एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में जब इसे दिखाया गया तो हर कोई परेशान हो गया। अधिकारियों ने बताया कि बच्‍चे ने गोलीबारी के बाद उन्होंने खुद पुलिस को फोन किया।


पॉश एरिया का मशहूर स्‍कूल
देश में हथियार रखने के कानून बहुत सख्‍त हैं और इसके बाद भी यह चौंकाने वाली घटना हुई है। पूरे देश में घटना के बाद सदमे की स्थिति है। व्लादिस्लाव रिबनिकर एलीमेंट्री स्कूल में जैसे ही छात्र पहुंचे, फायरिंग शुरू हो गई। यह स्‍कूल बेलग्रेड के सबसे पॉश एरिया व्राकर में है और काफी मशहूर है। फायरिंग की खबर आते ही घबराए माता-पिता मौके पर पहुंचे। बेलग्रेड के पुलिस प्रमुख वेसेलिन मिलिक ने मीडिया कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि सुरक्षा गार्ड के साथ सात लड़कियों और एक लड़के की मौत इस घटना में हुई है। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बुधवार को मारे गए लोगों में फ्रांसीसी राष्ट्रीयता वाली एक छात्रा भी शामिल है।


अपने दोस्‍तों को भी गोली मारी

सर्बिया के गृह मंत्रालय ने कहा कि एक और छह बच्चों और एक शिक्षक को अस्पताल में भर्ती कराया गया। संदिग्ध ने उस समय फायरिंग शुरू की जब हिस्‍ट्री की क्‍लास चल रही थी। पुलिस के मुताबिक क्‍लास स्‍कूल गेट के एकदम करीब थी और इसलिए उसने इसे चुना था। मिलिक ने कहा कि उसने पहले सुरक्षा गार्ड को मार दिया फिर दूसरी कक्षा में जाकर अपने साथ पढ़ने वाले बच्‍चों को गोली मार दी। बच्‍चे ने तब पुलिस को फोन किया और स्कूल के मैदान में गिरफ्तार होने का इंतजार किया। शूटर को बाद में हथकड़ी लगाकर और नीली जींसऔर एक जैकेट पहने हमलावर को गिरफ्तार किया। उसे पुलिस अधिकारियों ने घेर लिया गया और एक पुलिस कार में ले जाया गया।

सर्बिया में सबसे ज्‍यादा हथियार

सर्बिया दुनिया का वह देश है जहां पर बंदूक रखने वालों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है। सन् 1990 के बाद से ही यहां पर हथियार रखने का चलन बढ़ा है। साल 2019 में यहां पर 100 लोगों पर 39.1 हथियार थे। यह आंकड़ा अमेरिका और मोंटेगोमरो के बाद सबसे ज्‍यादा है। सर्बिया में इसके बाद भी ऐसी घटनाएं बहुत कम देखने को मिलती हैं। आखिरी बार साल 2013 में ऐसी घटना हुई थी जब बाल्‍कन युद्ध में शामिल पूर्व सैनिक ने गांव में फायरिंग करके 13 लोगों की जान ले ली थी।
कब कब बच्‍चे बने निशाना

  • नैशविले अमेरिका
  • साल 2023 में एक हमलावर टेनेसी के स्‍कूल में फायरिंग में तीन बच्‍चों की जान ले ली
  • ना क्‍लांग, थाइलैंड
  • साल 2022 एक पूर्व पुलिस ऑफिसर ने डे केयर पर हमला किया और 34 लोगों की जान ले ली जिसमें 23 बच्‍चे थे।
  • उवलदे, अमेरिका
  • टेक्‍सास के उवलदे में एक स्‍कूल में अचानक से गोलियां बरसने लगीं और इसमें 19 बच्‍चों की मौत हो गई।
  • काबुल अफगानिस्‍तान
  • काबुल के स्‍कूल में हुए तीन धमाकों में 80 लोगों की मौत जिसमें ज्‍यादातर स्‍कूली लड़कियां थीं।
  • सैंटा फे, अमेरिका
  • साल 2018 में 17 साल के एक छात्र ने टेक्‍सास के सैंटा फे स्थित स्‍कूल में गोलियां बरसाईं जिसमें नौ बच्‍चों समेत एक टीचर की भी मौत हो गई।
  • पार्कलैंड अमेरिका
  • साल 2018 में ही फ्लोरिडा के छात्र ने स्‍कूल में फायरिंग की और 14 छात्रों की जान ले ली। घटना में तीन शिक्षकों की भी मौत हो गई।
  • पेशावर पाकिस्‍तान
  • पाकिस्‍तान के पेशावर में साल 2014 में तालिबानी आतंकियों ने आर्मी स्‍कूल पर हमला किया। इस आतंकी हमले में 134 बच्‍चों और 16 स्‍कूल कमिर्यों की मौत हो गई।
  • न्‍यूटाउन अमेरिका
  • साल 2012 में कनैटिक्‍ट के स्‍कूल में हुई फायरिंग में पांच से 10 साल की उम्र वाल 20 मासूमों की मौत हो गई थी।
  • यूटोआई आईलैंड, नॉर्वे
  • साल 2011 में नॉर्वे के यूटोआई आइलैंड में एक कैंप को आतंकियों ने निशाना बनाया था। इसमें 69लोगों की मौत हो गई थी जिसमें ज्‍यादातर टीनएजर्स थे।
  • बेस्‍लान रूस
  • साल 2004 में रूस के बेस्‍लान में आतंकियों ने 333 बच्‍चों को बंधक बनाया था। इसमें से 186 बच्‍चों की मौत हो गई थी।

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