Banda-“विधान से समाधान”कार्यक्रम के अर्न्तगत महिलाओं के हित सरंक्षण व उनके अधिकारों का जागरुकता शिविर:- जिला जज,बांदा।
Banda-महिलाओं को मुफ्त कानूनी सहायता,यौन उत्पीड़न एवं प्रत्येक महिला की सुरक्षा सुरक्षित करने के लिए ही शिविर आयोजित।
महिलाओं व बालिकाओं को आत्मसुरक्षा प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाएं।
ब्यूरो एन के मिश्र
बांदा- राष्ट्रीय एवं उ०प्र० विधिक सेवा प्राधिकरण- के तत्वावधान में राष्ट्रीय महिला आयोग,के सहयोग से जनपद न्यायाधीश, बांदा डा० बब्बू सारंग के निर्देशन में आज दिनांक 07–10–2024 को “विधान से समाधान” कार्यक्रम के अर्न्तगत महिलाओं के हित सरंक्षण व उनके अधिकारों के सम्बंध में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन ब्लाक बड़ोखर खुर्द,जिला बांदा में किया गया। शिविर की अध्यक्षता श्रीपाल सिंह,अपर जिला जज/सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा द्वारा की गयी।
श्रीपाल सिंह,अपर जिला जज जिला बांदा- अपने सम्बोधन में महिलाओं को प्राप्त मुफ्त कानूनी सहायता,कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाव,देश की प्रत्येक महिला को सुरक्षा की भावना प्रदान करना,पुरुषो के समान पारिश्रमिक का लाभ आदि के सम्बंध में विस्तार से व्याख्यान किया गया। महिलाओं को कन्या भ्रूण हत्या,मानव तस्करी,पीछा करना,यौन शोषण,लिंग के आधार पर परेशान करना,यौन उत्पीड़न और इनमें सबसे भयावह अपराध बलात्कार जैसे अत्याचारों का शिकार होना पड़ता है। ऐसे उत्पीड़न का शिकार असंगठित क्षेत्रों में कार्य करने वाली महिलाएं, घरेलू काम करने वाली महिलाएं,निजी या सरकारी संगठनों में कार्य करने वाली महिलाएं होती है। सचिव ने बताया कि महिलाओं को ऐसी किसी प्रकार की समस्या होने पर वे अपना प्रार्थना पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,बांदा स्वयं आकर अथवा डाक के माध्यम से भी दे सकती है जिस पर उन्हे मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जायेगी।
रामप्रकाश,बाल विकास परियोजना अधिकारी– बांदा द्वारा अपने सम्बोधन में महिलाओं व बालिकाओं को आत्मसुरक्षा प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के विषय में बताया गया। उन्होने बैंक सखी,उज्जवला योजना, मातृत्व एवं शिशु हित लाभ,शादी अनुदान आदि योजनाओं से भी अवगत कराया।
श्रीमती सुमन शुक्ला, पराविधिक स्वयं सेवक ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आत्मचिंतन एवं स्व निर्णय की शक्ति होना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होने बताया कि महिलाओं को उन नकारात्मक स्थितियों से बचना चाहिए जो उनके सशक्त होने में बाधक है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण हेतु संचालित निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमन्त्री कन्या सुमंगला योजना, जननी सुरक्षा योजना आदि के सम्बंध में विस्तार से व्याख्यान किया गया। श्रीमती सुमन शुक्ला द्वारा कहा गया कि माता-पिता अथवा अध्यापक/अध्यापिकाओं द्वारा बच्चों को बैड टच के बारे में भी विस्तार से जानकारी देना चाहिए जिससे कि वे बड़े अनिष्ट से बच सके। उक्त घटनाओं से पीड़ित महिलाओं/बालिकाओं की निःशुल्क काउन्सिलिंग वन स्टॉप सेण्टर,बांदा द्वारा की जाती है। धारा-125 सीआरपीसी० के अन्तर्गत भरण-पोषण के सम्बंध में विस्तार से व्याख्यान किया एवं वैवाहिक वादों में टूटते दाम्पत्य जीवन को बचाने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ,बांदा में स्थित मध्यस्थता केन्द्र की भूमिका पर प्रकाश डाला।
सुश्री अनीता वर्मा, काउन्सलर – वन स्टॉप सेण्टर, जिला प्रोबेशन कार्यालय बांदा द्वारा बताया गया कि यदि किसी महिला के साथ कोई व्यभिचार, अश्लील ढगं से उनके कार्यस्थल अथवा घर पर किसी बाहरी अथवा घर के सदस्य द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाता है तो उसे तुरन्त संज्ञान में लेकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। महिला आयोग में ऐसी शिकायतें अत्याधिक मात्रा में होती है,इसलिए महिलाओं को चाहिए कि अपने साथ हो रहे व्यवहार के विषय में शिकायत दर्ज कर कार्यवाही करें जिससे भविष्य में किसी बड़ी अनहोनी से बचा जा सके। सुश्री अनीता द्वारा जिला प्रोबेशन कार्यालय-बांदा से महिलाओं को प्राप्त होने वाली सहायताओं के सम्बंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी। महिला हेल्प लाइन नं0-181 (वनस्टॉप सेण्टर) के जरिये सुरक्षा प्रदान करने के प्राविधानों का विस्तार से वर्णन किया।
शिविर का संचालन श्रीमती सुमन शुक्ला द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्रीमती अंजना, सी.एच.सी. ब्लाक बड़ोखखुर्द,अम्बरीश त्रिपाठी, ए0डी0ओ0,रामचन्द्र वरि०लि०,राशिद अहमद-डी.ई.ओ.जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा के साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्री उपस्थित रहें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा की ओर से उपस्थित महिलाओं को प्रचार-प्रसार संबंधी किट वितरित किया।