उत्तर प्रदेशसामाजिक

Banda-महाविद्यालय/छात्राओं के शिक्षा स्तर को अग्रिम पंक्ति में लाना,मेरा प्रमुख उद्देश्य :- दीपाली गुप्ता (प्राचार्य)

परम वीर चक्र से सम्मानित समस्त शहीदों को,प्रेरणा श्रोत के रूप में।

Banda- डॉo दीपाली गुप्ता से पर्यवेक्षित महाविद्यालय के इस काल को स्वर्णिम काल कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं :-अतुल मोहन द्विवेदी।

नैतिक कर्तव्यों का निर्वाहन,सदैव मेरी प्राथमिकता में :-दीपाली गुप्ता (प्राचार्य)

शिक्षण कार्यों के साथ प्रशासनिक/सामाजिक संगठनों से प्राप्त दायित्वों का निर्वाहन।

ब्यूरो एन के मिश्र 

बांदा-जनपद मुख्यालय स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाँदा की प्राचार्य एवं चित्रकूटधाम मण्डल की नोडल अधिकरी (उच्च शिक्षा) प्रोफेसर दीपाली गुप्ता महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य के रुप में सत्र 2019 में पदासीन हुईं। शिथिल कार्यशैली से उपेक्षित,जीर्ण-शीर्ण महाविद्यालय को उन्होंने अपने अथक एवं सार्थक प्रयासों से विभिन्न असुविधाओं और संसाधनों में अभाव के बावजूद अपने प्रयासों से शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर और अनुशासित संस्था का नवरुप देने की जद्दोजहद के अंततः हितकारी परिणाम मिले।

सर्वप्रथम महाविद्यालय को एक सुसज्जित आधुनिक तकनीक से परिपूर्ण सेमिनार हाल, प्रौद्योगिक विकास के रुप में कम्पूटर लैब,चार स्मार्ट क्लास और प्रवक्ता/कर्मचारी के शिशुओं के संरक्षण हेतु मदर टेरसा क्रेच का निर्माण करवाया । चिराग़फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में सिलाई-कढ़ाई केंद्र की भी स्थापना की गई जिसमें नि:शुल्क महाविद्यालय की आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई छात्राओं को सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। महाविद्यालय में अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए ओपेन जिम की स्थापना भी करवाई गई। प्रशासन के सहयोग से महाविद्यालय को अभ्युदय कोचिंग केंद्र बनवाकर महाविद्यालय की छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होने का सुअवसर प्रदान किया। इस तरह महाविद्यालय को अकादमिक और संरचनात्मक विकास पथ पर अग्रसर करते हुए उन्हें महिला शक्ति का प्रतीक मानकर प्रशासन द्वारा सुषमा स्वराज महिला शक्ति सम्मान भी दिया गया। चिराग़फाउंडेशन से जुड़कर आज प्रोफेसर दीपाली अनेक निर्धन छात्राओं की शिक्षा का व्यय भी वहन करतीं हैं व इसी कारण उन्हें सामाजिक सम्मान की दिशा में स्व.सत्तीदीन सम्मान से भी पुरस्कृत किया गया। अभी भी उनका निरंतर गतिशील प्रयास अनवरत जारी है।

भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में प्रदेश कार्यकारिणी एवं जनपद महोबा के प्रभारी अतुल मोहन द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में कहा की डॉ दीपाली गुप्ता सदैव सजग प्रहरी की भाति अपने पद की गरिमा के अनुकूल आचारसंघिता एवं श्रेष्ठ पर्यवेक्षण से सम्मानित/प्रशंसनीय हैं। उनके प्राप्त सनिद्ध्य काल को राजकीय महिला महाविद्यालय का स्वर्णिम काल कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

परमवीर चक्र से सम्मानित शहीदों को महाविद्यालय की दीवार पर सुसज्जित करते हुए शेल्फी प्वाइंट बनाना,ये सेना के शहीद जवान हमें इस राष्ट्र के समर्पित होने के लिए प्रेरित करते हैं। डॉo दीपाली गुप्ता जी के द्वारा छात्राओं को राष्ट्रवादी विचारधारा व भावना से जोड़ने के लिए किए गए अद्वितीय प्रयासो के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं।

डॉo दीपाली गुप्ता से प्रत्यक्ष वार्ता में उन्होंने बताया कि मेरी विशेष शिक्षा का विषय जरूर आंग्ल रहा है। परन्तु अविभावकों से प्राप्त संस्कार एवं पारलौकिक सत्ता ही मेरे जीवन की कार्यशैली के प्रेरणा श्रोत हैं। नैतिक कर्तव्यों का निर्वाहन सदैव ही श्रेष्ठ मानसिकता का संवर्धन करता है।

मै ये कहने का साहस कर सकती हूं कि सभी प्रवक्ताओं के सहयोग के बगैर वर्तमान महिला महाविद्यालय में संरचनात्मक विकास की राह में गतिशीलता बनाए रखना संभव नहीं था। प्रमुख रूप से मेरे विभागीय डॉo जय कुमार चौरसिया जी एवं मेरी सहयोगी/बड़ी बहन डॉo सबीहा रहमानी जी ने अकथनीय सहयोग व योगदान दिया है। आगामी स्थिति को लेकर चिंतित हूं। प्रशासन के आधिकारिक प्रयासों से सेवानिवृति की स्थिति में परिवर्तन सम्भव हो सकता है।

विभागीय प्रमुख सहयोगियों में पंकज त्रिपाठी जी एवं रमेश प्रजापति जी को भी मेरी सोच को पूर्ण नवरूप देने में अपने अतुल्य योगदान से ही उच्च शिक्षा के मन्दिर को मूर्त रुप में परिलक्षित करने का ये प्रयास सार्थक सिद्ध होता जा रहा है।

 

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