Banda- विश्व शिक्षक दिवस पर,डॉo साबिहा रहमानी की कलम से ✍️

Banda- एक शिक्षक का नवाचार से परिपूर्ण और सकारात्मक होना बहुत आवश्यक:- डॉo कलाम (पूर्व राष्ट्रपति)
शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न मनाने की शुरुआत,विश्व शिक्षक दिवस से:- डॉo रहमानी।
ब्यूरो एन के मिश्र
बांदा- विश्व शिक्षक दिवस विश्व के लगभग 100 देशों में मनाया जाता है। 5 अक्तूबर को मनाया जाने वाला विश्व शिक्षक दिवस एक वैश्विक अवसर है,जो मानव समाज में शिक्षकों का अमूल्य योगदान विकसित ज्ञान की अवधारणा का प्रतिबिंब है। समग्र विश्व में समाजीकरण की प्रक्रिया में माता-पिता के पश्चात शिक्षक का योगदान पृष्ठभूमि में परिलक्षित होता है। विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक के शिक्षण की अनिवार्यता का अहसास करते हुए। अमेरिकन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने बेटे की वाजिब परवरिश और तरबियत के लिए उसके शिक्षक को एक पत्र लिखा था,जो वैश्विक पटल पर विश्वविख्यात हुआ। प्रत्येक अनुभवी अभिभावक अब्राहम लिंकन के इस पत्र को प्रेरणा स्वरूप ग्रहण करते हुए,अपनी संतान के शिक्षक से वैसी ही अपेक्षा रखते हैं जैसी अपेक्षा अब्राहम लिंकन ने अपने बेटे के शिक्षक से रखते हुए उसे पत्र लिखा था। शिक्षक के महत्व और भूमिका को स्पष्ट करते हुए हमारे राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद भी आशान्वित होकर कहते हैं कि *एक शिक्षक का नवाचार से परिपूर्ण और सकारात्मक होना बहुत आवश्यक है।* यही श्रेष्ठ शिक्षक का व्यक्तिगत परिचय है,कि वह अपने छात्र/छात्राओं में जीवन के सभी आयामों की स्थिति पर दृढ़तापूर्व अडिग रहने की शिक्षा देकर शिक्षित,विकसित और पूर्ण तार्किक सिद्धांतों से गतिशील होने की शिक्षा प्रदान करते हैं।
भारतवर्ष में शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 5 सितम्बर को मनाया जाता है। हमारे देश में तो गुरु अथवा शिक्षक को ईश्वर का दूसरा अवतार माना जाता है। संत कबीरदास लिखते हैं…..
गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागों पांव
बलिहारी गुरु आपनो गोविंद दियो बताये ।
विश्व के अधिकांश देशों में विश्व शिक्षक दिवस विद्यार्थियों,अभिभावकों एवं अन्य समुदायों के माध्यम से शिक्षकों के उद्देश्य समर्पण और व्यक्तिगत जीवन और समग्र समाज पर उनके सकारात्मक प्रभाव के प्रति आभार व्यक्त करने हेतु मनाया जाता है । सर्वप्रथम यूनेस्को के द्वारा 1966 में शिक्षा के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका का जश्न मनाने की शुरुआत की गई । इस दौरान बदलते हुए परिवेश में शैक्षिक नीति और निर्णय लेने का भी कार्य किया जाता है। गत वर्षों के समान इस साल भी विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर 2024 शनिवार को मनाया जा रहा है। विश्व शिक्षक दिवस 2024 का थीम है “शिक्षा के लिए एक नए सामाजिक अनुबंध की ओर शिक्षकों की आवाज़ को महत्व देना।” इस थीम का उद्देश्य शिक्षकों की आवाज़ को महत्व देना और वैश्विक स्तर पर उनकी बातों को मान्यता देना है ।
प्रत्येक वर्ष विश्व शिक्षक दिवस का एक थीम निर्धारित किया जाता है । यह थीम शिक्षकों के योगदान को बढ़ावा देने और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में उनके महत्व को उजागर करने पर केंद्रित होता है । विश्व शिक्षक दिवस 2024 का थीम है “शिक्षा के लिए एक नए सामाजिक अनुबंध की ओर शिक्षकों की आवाज़ को महत्व देना ।” इस थीम का उद्देश्य शिक्षकों की आवाज़ को महत्व देना और वैश्विक स्तर पर उनकी बातों को मान्यता देना है । यह थीम शिक्षकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और स्कूली कक्षाओं में उनके द्वारा सामना किए जाने वाले लाभों को प्रदर्शित करती है । इस थीम का एक उद्देश्य शिक्षकों को सम्मानित करना और शिक्षा में उनकी अहम भूमिका को पहचानना भी है ।
विश्व शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षक न केवल छात्रों को शिक्षित करते हैं, बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । शिक्षक हमें जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और हमें अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा देते हैं । विश्व शिक्षक दिवस का इतिहास यह है कि इसका शुभारम्भ 1966 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के द्वारा किया गया था ।
डॉo साबिहा रहमानी प्रोफेसर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय,बांदा मेरी एक स्वरचित कविता है जिसे मैं विश्व के समस्त शिक्षकों को समर्पित करती हूँ,✍️✍️….
*उस्ताद*जज़्बात ख़्यालात लफ़्ज़ लिखावट क़लम बाज़ू और हमारे हाथ हो आप ।
जब घना हो अंधेरानिशां मंज़िल के हों धुंधले ऊबड़-खाबड़ रहगुज़र हो उस वक़्त हमारे लिए चिराग़-ए-राह हैं आप ।
कहने को इंसान मगर बा-उसूल सख़्त चट्टानों में फूल उगाने वाले हर अच्छे-बुरे को नेक दरस सिखाने वाले दुनिया के बिस्मिल बेमिसाल उस्ताद हैं आप ।
–——–डॉo साबिहा रहमानी