Banda- असत्य आरोपों का खंडन,फेसबुक पोस्ट में लगाए आरोप निराधार:-सुनील पटेल।
संवाददाता पत्रकार,पदाधिकारी का गरिमा के प्रतिकूल आचरण,स्वत: पोस्ट डिलीट की।

Banda- पत्रकार के मामले में पत्रकारों से अपील,खुद ही समिति बनाकर करें जॉच,निकाले निष्कर्ष:-सुनील पटेल (ज़िला पंचायत अध्यक्ष,बांदा)
सूत्र- रणनीति एवं क्षेत्र में सक्रियता से समीकरण बिगाड़ने के लिए कूटरचित षड्यंत्र।
ब्यूरो एन के मिश्र
बांदा- आज दिनांक को जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल के द्वारा आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंचायत अध्यक्ष के द्वारा सोशल मीडिया के फेसबुक में स्वयं के उपर लगाए गए निराधार आरोपों का खंडन किया गया।
जनपद बांदा की बबेरू तहसील के ग्राम पंचायत करहुली के निवासी संदीप सिंह पटेल जो दैनिक समाचार पत्र आज के क्षेत्रीय रिपोर्टर होने के साथ ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन में बबेरू तहसील के अध्यक्ष एवं अन्य संगठन के पदाधिकारी ने अपने फेसबुक अकाउंट से मध्यरात्रि में डाली पोस्ट से खुलासा किया कि ———–!!
*जिला पंचायत अध्यक्ष की मनमानी से परेशान जिला पंचायत अध्यक्ष के साथी ग्राम पंचायत करहुली प्रधान परम सहयोगी अपने आप को प्रधान प्रतिनिधि बताने वाले बिन्ने सिंह ने ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के तहसील अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी दी और अपने आप को जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल का सहयोगी होने का दावा किया जबकि बिन्ने सिंह की जुआं खेलते हुए की तस्वीरें महकमें के आला प्रशासनिक अधिकारियों के पास है और पत्रकारों को अपमानजनक भाषा से किया अपमानित प्रशासन नहीं की कोई मदद।
—–पत्रकार संदीप सिंह पटेल
जबकि बांदा,जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल ने पत्रकार के मामले को पत्रकारों से ही निपटवाने की मुहिम चलाई और प्रेस वार्ता की। अपने पक्ष में अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि बबेरू मेरा विधान सभा क्षेत्र होने व जनता के समर्थन से प्राप्त अपने पद की गरिमा के अनुकूल जमीनी स्तर पर जिले व ग्रामों के विकास कार्य में दायित्वों का निर्वाहन करते हुए,गरीब पात्र जनता को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराने की प्राथमिकता से कर्तव्यों के निर्वाहन में प्रतिदिन बहुत ही लोगों से मिलते हैं। जिसमे कभी भी कोई भी छायांकन इत्यादि करता रहता है।करहुली पड़ोसी ग्राम होने से सभी से मात्र औपचारिक पहचान होना संभव है। कथित पत्रकार के द्वारा निराधार आरोप लगाना, जिसके मूल कारण से पूर्णतः अंजान हूं।उक्त व्यक्ति के द्वारा मेरी छवि धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया गया है। और स्वतः मेरे संज्ञान या संपर्क के दिए,फेसबुक में डाली पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। जो की संवैधानिक रूप दुराचरण है। जिसका मेरे द्वारा पूर्णतः खंडन किया जाता है।
यदि संदीप पटेल के द्वारा डाली गई पोस्ट में लगाएं गए आरोप सच है तो मेरे फोन की काल डिटेल निकलवाकर अपनी संतुष्टि कर ले,जिला प्रशासन से जांच कराने के साथ वैधानिक कार्यवाही से मेरी एफ आई आर कर सकते हैं। जबकि संवैधानिक प्रक्रिया से मुझे भी कार्यवाही प्रस्तावित कराना चाहिए, अस्तु मेरा उद्देश्य कार्यवाही करवाना या करना नहीं है। लेकिन जनप्रतिनिधि के पद पर लगे आरोप का खंडन करना मेरा अधिकार है वो ही मैने किया है।
संदीप पटेल के द्वारा लगाए गए मिथ्या आरोपों व किए गए कुत्सित प्रयास का संज्ञान दैनिक समाचार पत्र आज के प्रधान कार्यालय कानपुर/ जनपद,बांदा कार्यालय ब्यूरो चीफ को पत्र लिख कर की गई घृष्ठता का संज्ञान दिया जाएगा।