दुनिया
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना का अमेरिका पर बड़ा हमला, देश में सरकार गिराने की साजिश का लगाया आरोप

ढाका: बांग्लादेश की संसद में प्रधानमंत्री शेख हसीना के तल्ख तेवर देखने को मिले। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ एक अखबार बल्कि अमेरिका तक पर उनकी सरकार को गिराने की कोशिश का आरोप लगाया। हसीना ने कहा कि कल तक जो भ्रष्टाचार के खिलाफ बात करते थे आज वही इसका समर्थन करने वालों के पक्ष में खड़े हैं। संसद के सत्र के दौरान हसीना के तेवर देखने वाले थे। उन्होंने इस सत्र में अमेरिका पर जमकर भड़ास निकाली और साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष को जमकर सुनाया। हसीना ने अपने संबोधन में बांग्लादेश के अखबार प्रोथोम एलो का जिक्र किया। उनका कहना था कि यह अखबार किसी बच्चे को भी 10 टका देकर उससे देश की स्थिति पर झूठ बुलवाता है और फिर उसी झूठ को प्रमुखता से छापता है।
अखबार पर बड़ा आरोप
हसीना के शब्दों में, ‘एक सात साल के बच्चे को 10 टका दिया जाता है और उससे गलत बयान लिए जाते हैं। वह बच्चा पैसा मिलने के बाद कहता है कि उसे मीट और चावल सुनिश्चित करने के लिए आजादी चाहिए।’ अखबार इसके शब्दों को छापता है और प्रोथोम एलो अंधेरे में गलत काम करता है। हसीना के इस बयान पर सांसदों ने टेबल बजाकर उनका जोश बढ़ाया। हसीना ने इस अखबार को अवामी लीग, लोकतंत्र और देश की जनता का दुश्मन करार दिया। हसीना की मानें तो ये लोग देश में कभी स्थिरता नहीं चाहते हैं। उनका कहना था कि जब साल 2007 में देश में आपातकाल लगा तो ये लोग काफी खुश थे। इस आपातकाल के बाद ये लोग अपने लक्ष्यों को हासिल करने में लग गए।
हसीना के शब्दों में, ‘एक सात साल के बच्चे को 10 टका दिया जाता है और उससे गलत बयान लिए जाते हैं। वह बच्चा पैसा मिलने के बाद कहता है कि उसे मीट और चावल सुनिश्चित करने के लिए आजादी चाहिए।’ अखबार इसके शब्दों को छापता है और प्रोथोम एलो अंधेरे में गलत काम करता है। हसीना के इस बयान पर सांसदों ने टेबल बजाकर उनका जोश बढ़ाया। हसीना ने इस अखबार को अवामी लीग, लोकतंत्र और देश की जनता का दुश्मन करार दिया। हसीना की मानें तो ये लोग देश में कभी स्थिरता नहीं चाहते हैं। उनका कहना था कि जब साल 2007 में देश में आपातकाल लगा तो ये लोग काफी खुश थे। इस आपातकाल के बाद ये लोग अपने लक्ष्यों को हासिल करने में लग गए।
अमेरिका नहीं करता लोकतंत्र का सम्मान
इसके बाद पीएम ने अमेरिका का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस अखबार को ऐसे लोगों का समर्थन मिला है जो कर्ज को आधार बनाकर अपने हित साधना चाहते हैं। यह वह शख्स है जो अमेरिका का करीबी है। हसीना का कहना था कि अमेरिका ने कभी भी सवाल नहीं किया कि कैसे ग्रामीन बैंक का एमडी कानूनी तौर पर सामाजिक व्यवसाय से जुड़े संगठन को आगे बढ़ाता रहा और उसने मिलियन डॉलर्स कमा लिए। कभी भी अमेरिका ने इस पैसे का स्त्रोत जानने की जहमत नहीं उठाई। हसीना ने कहा कि अमेरिका अटलांटिक के बाहर कभी भी लोकतांत्रिक मानदंडों का पालन नहीं करता है। दूसरे देशों की बात जब होती है तब उसकी लोकतंत्र की परिभाषा बदल जाती है। उन्होंने अपना पुराना सवाल भी दोहराया और कहा कि आखिर अमेरिका क्यों एक सैन्य तानाशाह का समर्थन कर रहा है?
इसके बाद पीएम ने अमेरिका का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस अखबार को ऐसे लोगों का समर्थन मिला है जो कर्ज को आधार बनाकर अपने हित साधना चाहते हैं। यह वह शख्स है जो अमेरिका का करीबी है। हसीना का कहना था कि अमेरिका ने कभी भी सवाल नहीं किया कि कैसे ग्रामीन बैंक का एमडी कानूनी तौर पर सामाजिक व्यवसाय से जुड़े संगठन को आगे बढ़ाता रहा और उसने मिलियन डॉलर्स कमा लिए। कभी भी अमेरिका ने इस पैसे का स्त्रोत जानने की जहमत नहीं उठाई। हसीना ने कहा कि अमेरिका अटलांटिक के बाहर कभी भी लोकतांत्रिक मानदंडों का पालन नहीं करता है। दूसरे देशों की बात जब होती है तब उसकी लोकतंत्र की परिभाषा बदल जाती है। उन्होंने अपना पुराना सवाल भी दोहराया और कहा कि आखिर अमेरिका क्यों एक सैन्य तानाशाह का समर्थन कर रहा है?
अमेरिका लोकतंत्र पर बांग्लादेश को भाषण तो देता है लेकिन अपन देश में क्या स्थिति है, इसे नजरअंदाज कर जाता है। इसके बाद हसीना ने कहा, ‘अमेरिका किसी भी देश में सरकार को गिराने की शक्ति रखता है और विशेष रूप से मुस्लिम देश में जो इस समय कठिन समय का अनुभव कर रहे हैं।’ काफी कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए हसीना ने कहा कि अमेरिका लोकतंत्र को खत्म करके ऐसी सरकार लाने की कोशिशे कर रहा है जिसका लोकतांत्रिक अस्तित्व ही न हो। यह एक अलोकतांत्रिक कदम होगा और इसमें देश के कुछ बुद्धिजीवी भी अमेरिका का समर्थन कर रहे हैं।