देश

पसमांदा और ओबीसी पर BJP का फोकस… PM मोदी बोले- आदिवासियों जैसी है पिछड़े मुसलमानों की हालत

नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी तैयारियों में जुट गई है। इस बार भी पीएम नरेंद्र मोदी फ्रंट फुट पर पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। एक तरफ जहां विपक्षी पार्टियां महंगाई, बेरोजगारी और अडानी स्टॉक विवाद को मुद्दा बना रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी पसमांदा मुसलमानों और ओबीसी पर फोकस कर रहे हैं। पीएम मोदी और बीजेपी की यह रणनीति गेमचेंजर भी साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचने के लिए सुशासन के महत्व पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि इस तरह के दृष्टिकोण में भेदभाव और भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं होगी। मोदी ने खासतौर पर पसमांदा मुसलमानों के पिछड़ेपन का जिक्र किया और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरिए समाज के सबसे वंचित वर्गों तक पहुंचने के केंद्र सरकार के प्रयासों के बारे में बताया। बजट के बाद ‘अंतिम छोर तक पहुंचने’ (रीचिंग द लास्ट माइल) के विषय पर आयोजित वेबिनार में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आदिवासियों में सबसे वंचितों के लिए एक विशेष मिशन शुरू कर रही है।

‘पसमांदा मुसलमानों तक लाभ पहुंचाना है’

उन्होंने कहा, ‘हमें देश के 200 से अधिक जिलों और 22,000 से अधिक गांवों में रह रहे जनजातीय लोगों को जल्द से जल्द विभिन्न सुविधाएं प्रदान करनी होंगी। इसी तरह हमारे अल्पसंख्यकों में, विशेष रूप से मुसलमानों में हमारे पास पसमांदा मुसलमान हैं। हमें उन तक कैसे लाभ पहुंचाना है… आजादी के इतने वर्षों बाद भी वे बहुत पीछे हैं।’ मुसलमानों में पिछड़े वर्गों को पसमांदा मुसलमान के रूप में जाना जाता है। मोदी ने कहा कि योजनाओं के शत-प्रतिशत कार्यान्वयन की नीति और अंतिम छोर तक पहुंचने का दृष्टिकोण एक-दूसरे के पूरक हैं।

‘धन के साथ इच्छाशक्ति की जरूरत’

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के लिए धन के साथ-साथ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों का विकास उनकी सरकार की प्राथमिकता रही है। वांछित लक्ष्यों के लिए सुशासन और निरंतर निगरानी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘हम सुशासन पर जितना अधिक जोर देंगे, उतनी ही आसानी से अंतिम छोर तक पहुंचने का हमारा लक्ष्य पूरा होगा।’ उन्होंने कहा कि पहली बार देश इस पैमाने पर अपने जनजातीय वर्ग की विशाल क्षमता का दोहन कर रहा है और नए केंद्रीय बजट में जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों के अंतिम छोर तक पहुंचने की जरूरत पर विशेष ध्यान दिया गया है।

‘जनजातीय समुदाय के विकास पर खास फोकस की जरूरत’

प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट के बाद का यह मंथन कार्यान्वयन और समयबद्ध वितरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे करदाताओं के पैसे का सही इस्तेमाल सुनिश्चित होता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय में सबसे वंचित लोगों के लिए एक विशेष मिशन के रूप में तेजी से सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से ‘समग्र राष्ट्र’ के दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम अंतिम छोर तक पहुंचने के मामले में एक सफल मॉडल के रूप में उभरा है। केंद्रीय बजट 2023 में घोषित पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के वास्ते विचार और सुझाव मांगने के लिए सरकार की ओर से आयोजित 12 पोस्ट-बजट वेबिनार की श्रृंखला में सोमवार को यह चौथी कड़ी थी।

पसमांदा मुसलमान कौन हैं?

पसमांदा एक फारसी शब्द है जिसका अर्थ है, ‘जो पीछे छूट गए हैं’। ‘पसमांदा मुस्लिम’ पिछड़े मुसलमानों का जिक्र करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
भारत में पसमांदा मुसलमानों की कुल मुस्लिम आबादी का लगभग 85-90% होने का अनुमान है। कहा जाता है कि पसमांदा मुसलमानों का हिंदू आबादी के साथ एक घनिष्ठ संबंध है, क्योंकि वे कई दशक पहले हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म में परिवर्तित हुए थे।

पसमांदा मुसलमानों पर क्यों है बीजेपी का फोकस

कहा जाता है कि लगभग 40% पसमांदा मुसलमान उन जातियों से संबंधित हैं जो वर्तमान में ओबीसी कैटेगिरी में आते हैं। जिन राज्यों में पसमांदा मुसलमानों की संख्या ज्यादा है, वह बीजेपी के गढ़ हैं। ऐसे में बीजेपी ने 2022 में अपना पसमांदा मुस्लिम अभियान शुरू किया, जिसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। बीते साल अक्टूबर में बीजेपी ने लखनऊ में एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया था। जहां पसमांदा मुस्लिम समुदाय के प्रमुख सदस्यों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया गया था। मुस्लिम समुदाय के बीच बोहरा मुस्लिम पर भी बीजेपी का फोकस है। पीएम मोदी ने इस महीने की शुरुआत में मुंबई में दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के एक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा था कि वह खुद को बोहरा मुस्लिम समुदाय के परिवार के सदस्य के रूप में देखते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button