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घर बुलाकर ‘समझाना’ इसे कहते हैं… दिल्ली में सीना ठोककर ‘4 दोस्त’ मिलेंगे, चीनी विदेश मंत्री जल भुन उठेंगे

नई दिल्ली: सर्दी अब जा चुकी है और गर्माहट महसूस होने लगी है। इधर, नई दिल्ली में कूटनीतिक गर्मी भी बढ़ गई है। जी हां, एक तरफ चीन के विदेश मंत्री किन गांग G20 की बैठक में भाग लेने भारत पहुंचे हुए हैं तो दूसरी तरफ क्वाड की बैठक होने वाली है। क्वाड यानी दुनिया के चार बड़े देशों का वो संगठन (Quad Meeting 2023), जो चीन को खटकता है। एक दिन पहले भारत के विदेश मंत्री जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष की मुलाकात हुई थी। दोनों नेताओं ने फोटोग्राफरों को हाथ मिलाते हुए पोज दिए। हालांकि दिल मिलने अभी बाकी हैं। जयशंकर ने साफ कहा कि भारत और चीन के रिश्ते असामान्य हैं। 34 महीने से पूर्वी लद्दाख में तनातनी बरकरार है। वांग यी की जगह किन दिसंबर में चीन के विदेश मंत्री बने थे। दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। 45 मिनट की चर्चा चली और बाद में जब जयशंकर पत्रकारों के सामने आए तो उन्होंने कहा कि हमारे संबंधों में कुछ वास्तविक समस्याएं हैं। किन भारत की मेजबानी में हो रही जी-20 की बैठक के लिए 24 घंटे पहले दिल्ली आए और आज उन्हें जो देखने-सुनने को मिलेगा, वो उन्हें अच्छा नहीं लगेगा। यह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए भी बड़ा संदेश होगा। मैसेज भी साफ है कि चीन की दादागीरी नहीं चलेगी।

क्वाड के मंत्री एक साथ पहली बार बोलेंगे

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की हरकतों पर अंकुश लगाने के लिए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया एक साथ आए हैं। हालांकि आधिकारिक रूप से चारों देश QUAD में चीन ऐंगल से इनकार करते हैं। बॉर्डर पर चीन के दुस्साहस के चलते भारत के साथ संबंध तनावपूर्ण ही चल रहे हैं। अमेरिका में चीन का बैलून देखे जाने से जासूसी के आरोप लगे तो उनके संबंध भी गड़बड़ा गए। इतना कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन का दौरा कैंसल कर दिया। यूक्रेन संकट पर चीन का रूस को मदद करना अमेरिका को चुभ रहा है। चीन के जापान और ऑस्ट्रेलिय के साथ रिश्ते भी अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। ऐसे माहौल में आज दिल्ली में जब क्वाड के विदेश मंत्री सार्वजनिक मंच पर एक साथ बैठेंगे तो चीन को अच्छा नहीं लगेगा। यह भारत की तरफ से ‘घर बुलाकर’ समझाने जैसा कूटनीतिक संदेश माना जा रहा है।

क्वाड और चीन

दरअसल, क्वाड के चारों देश जी-20 के सदस्य हैं। जापान के विदेश मंत्री जी-20 बैठक में नहीं आए लेकिन कुछ घंटों के लिए क्वाड मीटिंग में दिल्ली आए हैं। रायसीना डायलॉग में यह पहला मौका है जब क्वाड के सदस्य देशों के सभी विदेश मंत्री एक साथ दिखेंगे। इससे पहले आज भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री क्वाड मीटिंग करेंगे। थोड़ी देर बाद विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित हो रहे रायसीना डायलॉग में चारों मिनिस्टर एक साथ संबोधित करेंगे। इस डायलॉग में वैश्विक कूटनीति पर चर्चा होती है। आज इशारों में चीन को भी सुनाया जा सकता है। जासूसी प्रकरण के चलते अमेरिका के पास भी चीन पर बरसने के लिए काफी कुछ है।

अब आप समझिए, चीन की आज क्या हालत होगी। भारत साफ तौर पर कहता रहा है कि चीन के साथ रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं आ जाती है। भारत का कहना है कि द्विपक्षीय संबंध आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित होने चाहिए। लेकिन चीन का रवैया माहौल खराब करने वाला ही रहा। डोकलाम, गलवान के बाद अरुणाचल…। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा है कि एलएसी पर सेना के वापस लौटने के बावजूद मौजूदा स्थिति से भारत खुश नहीं है। हम चाहते हैं कि चीन अप्रैल-मई 2020 से पहले वाली स्थिति में लौटे। हालांकि चीन है कि मानता नहीं।

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