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पुरानी गाड़ी है तो चेक कर लें, सिर्फ दिल्ली में 54 लाख से मोटरों का हो चुका है रजिस्ट्रेशन कैंसिल

नई दिल्ली: आपके पास पुरानी मोटर (Old Car) है तो आप संभल जाइए। डीजल से चलने वाले वैसे मोटर जो 10 साल से ज्यादा उम्र वाले हैं, उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा रहा है। इसी तरह 15 साल से पुरोन पेट्रोल या सीएनजी से चलने वाले मोटरों का भी रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा रहा है। ऐसे में यदि आज इस तरह की गाड़ी चलाते पकड़े गए तो मोटर को सीधे जब्त किया जाएगा। फिर उस मोटर गाड़ी की वापसी नहीं होगी बल्कि उसे सीधे कबाड़ बना दिया जाएगा।

एनजीटी ने किया है प्रतिबंधित

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की समस्या विकराल है, यह बात किसी से छुपी नहीं है। इसी को देखते हुए नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने 26 नवंबर 2014 को एक आदेश निकाला था। इस आदेश के मुताबिक 15 साल से पुराने सभी तरह के मोटर वाहनों का दिल्ली में चलाना मना है। इसके बाद 7 अप्रैल 2015 को एक और आदेश निकाला गया। उसमें स्पष्ट किया गया कि दिल्ली एनसीआर में यदि डीजल से चलने वाले मोटर वाहन की उम्र 10 साल से जयादा है तो वह भी नहीं चल सकेगी।

सुप्रीम कोर्ट की भी है हरी झंडी

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट की भी हरी झंडी है। सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर, 2018 के इस बारे में एक आदेश दिया था। इस आदेश के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार 10 वर्ष से अधिक पुराने सभी डीजल वाहन और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन नहीं चलेंगे।

54 लाख से ज्यादा मोटरों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल

दिल्ली के परिवहन विभाग ने 31 जनवरी 2023 तक 54 लाख 42 हजार 267 मोटर वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है। इनमें वहीं गाड़ियां हैं जो 10 या 15 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वी के सिंह ने पिछले दिनों संसद में एक लिखित उत्तर में दी थी।

ऐसी गाड़ी चलती मिली तो बन जाएगी स्क्रैप

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का इनफोर्समेंट ब्रांच इस तरह की गाड़ियों केा ढूंढ रहा है। ऐसी गाड़ियों को पकड़ने के लिए इनफोर्समेंट ब्रांच नियमित रूप से सड़कों पर जांच करती है। इसने एक जनवरी 2014 से 31 जनवरी 2023 तक 10 साल पुराने 446 वाहन और 15 साल पुराने 12,959 वाहन (पेट्रोल/डीजल) जब्त किए थे। जब्त वाहनों को आगे स्क्रैपर्स को सौंप दिया जा रहा है। वे इसे कबाड़ बना कर फैक्ट्रियों में भेज देते हैं ताकि उसे गला कर फिर से मेटल बना दिया जाए।

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