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पाकिस्तान की राह पर चीन, GDP का 44 फीसदी तक पहुंचा राज्यों का कर्ज, जिनपिंग की बढ़ी टेंशन

बीजिंग: चीन के कई राज्यों पर कर्ज उसके सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 44 फीसदी हो गया है। स्थानीय सरकारों पर लगभग 5.14 लाख करोड़ डॉलर का बकाया है। आर्थिक मंदी और जमीन की बिक्री से मिलने वाले राजस्व में आई कमी के कारण चीन में प्रांतों और स्थानीय सरकारों को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। चीन बीआरआई के तहत दुनियाभर के देशों को कर्ज की पेशकश कर रहा है और न लौटाने की सूरत में उनकी जमीनों पर कब्जा जमा रहा है। S&P रेटिंग के अनुसार, स्थानीय सरकारों का प्रत्यक्ष ऋण उनके राजस्व के 120% से अधिक हो गया है।

चीनी सरकार के नौकरियों वाले ऐलान ने बढ़ाई चिंता

इसका असर यह हुआ है कि स्थानीय सरकार वीचैट पर नागरिकों से 10,000 युआन जितनी कम मात्रा में पैसा उधार ले रही है, ताकि इससे बचा जा सके कि बैंक अब उन्हें उधार नहीं देंगे। चीन के आर्थिक संकट का एक नतीजा यह भी है कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और प्रतिभा के प्रवास को रोकने के लिए इस साल 31 प्रांतों, क्षेत्रों और नगर पालिकाओं में भर्तियां हो रही हैं। चीन के नए प्रधान मंत्री ली क़ियांग ने 12 मिलियन का रोजगार सृजन लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके जवाब में स्थानीय सरकारों ने 190,000 लोगों को काम पर रखने के लिए कर्ज को बढ़ा दिया है। चीन में 16 से 24 वर्ष की आयु की 18% आबादी वर्तमान में बेरोजगार है।

रीयल एस्टेट में हो रहा बड़ा नुकसान

चीन के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित प्रॉपर्टी डेवलपर्स में से एक कंट्री गार्डन होल्डिंग ने 2022 में एक बिलियन से अधिक का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। रियल एस्टेट क्षेत्र का चीन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में एक चौथाई से अधिक का योगदान है। ऐसे में डिफॉल्ट से बचने के लिए डेवलपर्स कर्ज को लेकर तेजी से रणनीति बदल रहे हैं। प्रापर्टी डेवलपर्स लागत में कटौती करने लगे हैं। इसका असर यह हुआ है कि वे अक्सर परित्यक्त परियोजनाओं में रूचि ले रहे हैं, छोटे शहरों से किनारा कर रहे हैं और फ्री की जमीन को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। कोविड महामारी के कारण चीन की सरकार पर कर्ज का बोझ सबसे ज्यादा बढ़ा है। इस दौरान बिजनेस से होने वाली आय भी काफी घटी है।


कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाया

कर्ज का संकट इतना ज्यादा बढ़ गया है कि चीन के कई राज्यों ने कर्मचारियों के रियाटरमेंट की उम्र बढ़ा दी है, ताकि एकमुश्त पैसा न देना पड़े। इसके अलावा कर्मचारियों के मेडिकल बेनिफिट्स में भी कटौती की गई है। इस कारण चीन में कर्मचारियों ने काफी विरोध प्रदर्शन भी किया है। चीन की सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी के कारण ‘वुहान स्वास्थ्य बीमा’ जैसे लोकप्रिय सर्च को प्रतिबंधित कर दिया गया है। चीनी सरकार को डर है कि लोगों में इससे जागरूकता बढ़ेगी और विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल सकता है।

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