चीन का जासूसी गुब्बारा 200 फुट था ऊंचा, विस्फोटक से था लैस! अमेरिका के हाथ लगा ड्रैगन का ‘खजाना

वॉशिंगटन: अमेरिकी फाइटर जेट के चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद ड्रैगन आगबबूला है। वहीं अब अमेरिका ने ड्रैगन के जासूसी गुब्बारे की पोल खोलनी शुरू कर दी है। अमेरिका ने कहा है कि यह चीनी जासूसी गुब्बारा 200 फुट ऊंचा था और एक बड़े यात्री विमान के बराबर वजनी पेलोड लेकर जा रहा था। कई विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि इस गुब्बारे में विस्फोटक भी लगा हुआ हो सकता है। वहीं इसकी अमेरिकी नौसेना ने जांच शुरू कर दी है। पेंटागन के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि इस गुब्बारे में विस्फोटक हो सकता है। अमेरिका को उम्मीद है कि इसके मलबे से चीन के पूरे जासूसी नेटवर्क के बारे में बड़ा खुलासा हो सकता है।
चीनी गुब्बारे के मलबे से मिलेगी बड़ी जानकारी
पेंटागन ने बताया कि अमेरिकी नौसेना सोनार का इस्तेमाल करके इस गुब्बारे के मलबे को निकालने का प्रयास कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रेस सेक्रेटरी ने कहा कि इस जासूसी गुब्बारे के मलबे से यह शानदार मौका मिलेगा कि चीन के जासूसी गुब्बारों के बारे में काफी सूचना हासिल की जा सके। उन्होंने कहा कि इसी वजह से हमने उसे समुद्र में गिराया ताकि चीनी गुब्बारे के मलबे को हासिल किया जा सके।
बाइडन ने सोमवार को कहा कि चीन ने अमेरिकी महाद्वीप में गुब्बारों को उड़ाने का दुस्साहसपूर्ण कृत्य किया क्योंकि वे चीनी सरकार है। बाइडन ने वाइट हाउस में कहा, ‘वे चीनी सरकार है।’ बाइडन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘गुब्बारे और अमेरिका पर जासूसी करने का प्रयास कुछ ऐसा है जिसकी चीन से अपेक्षा की जा सकती है। सवाल यह है कि जब हमने चीन से पूछा कि वे क्या कर रहे हैं, तो उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि यह उनका गुब्बारा नहीं है। उन्होंने सिर्फ इसके पीछे के मकसद से इनकार किया।’ राष्ट्रपति ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ‘बात चीन पर भरोसा करने की नहीं है, यह इस बात का फैसला करने का समय है कि क्या हमें साथ काम करना चाहिए और हमारे पास क्या विकल्प हैं।’
बाइडन ने कहा कि इससे अमेरिका-चीन संबंध कमजोर नहीं होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि हम क्या करने जा रहे हैं। वे हमारी स्थिति को समझते हैं। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। हमने सही कदम उठाए। (संबंध) कमजोर या मजबूत होने की बात नहीं है यह वास्तविकता है।’ राष्ट्रपति ने कहा कि उनका हमेशा से मानना था कि गुब्बारे को गिराना ही उचित है। उन्होंने कहा, ‘मेरा रुख हमेशा से यही था। उसके कनाडा से अमेरिका आते ही मैंने रक्षा मंत्रालय से इसे तुरंत गिराने को कहा था। वे भी इसी फैसले पर पहुंचे हैं कि इसे जमीन पर गिराना ही सही है। यह कोई गंभीर खतरा नहीं है। हम इसके समुद्री क्षेत्र को पार करने तक इंतजार करेंगे।’