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चीन की पनडुब्बियां अब जेएल-3 ICBM के साथ करेंगी गश्त, घर बैठे अमेरिका पर हमला कर सकता है ड्रैगन!

बीजिंग : चीन लगातार अपनी सेना को मजबूत कर रहा है। पड़ोसियों और पश्चिमी देशों से तनाव का सामना कर रहे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सेना को ‘असली युद्ध’ की तैयारियों पर फोकस करने का निर्देश भी दे चुके हैं। अब खबर आ रही है कि चीन ने अपनी छह परमाणु-संचालित पनडुब्बियों पर नई, लंबी-दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइलें लगाई हैं जिनसे चीनी तट के पास से अमेरिकी महाद्वीप को निशाना बनाया जा सकता है। अमेरिका ने शुक्रवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया।

चीन की छह जिन-क्लास सबमरीन अब जेएल-3 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस हो चुकी हैं। यूएस पैसिफिक फ्लीट के हेड एडमिरल सैम पापारो ने वॉशिंगटन में एक कान्फ्रेंस में मिलिट्री रिपोटर्स को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘उनका निर्माण अमेरिका को धमकाने के लिए किया गया है। हम पनडुब्बियों को करीब से ट्रैक कर रहे हैं।’ ICBM से लैस चीन की सबमरीन अमेरिका के लिए सीधा खतरा पैदा करती हैं।

पेंटागन ने किया था आगाह
पिछले चीन की सेना पर अपनी सालाना रिपोर्ट में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा था कि पीएलए नेवी आखिरकार अपने तटों से अमेरिका को निशाना बनाने की क्षमता हासिल कर लेगी। पापारो ने इस बात से इनकार किया कि छह सबमरीन में से किसी ने हवाई के करीब गश्त को अंजाम दिया है। कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस का अनुमान है कि सबमरीन से लॉन्च की जाने वाली पुरानी बैलिस्टिक मिसाइलों जेएल-2 की रेंज 7200 किमी थी, जिनसे चीनी तट के करीब से अलास्का के कुछ हिस्सों तक हमला किया जा सकता था। अमेरिका के पूर्वी तट को निशाना बनाने के लिए चीनी पनडुब्बियों को हवाई के पूर्वी जल में दाखिल होना पड़ता।

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