दुनिया

जासूसी गुब्बारे को चीनी सेना कर रही थी ऑपरेट… अमेरिका ने भारत समेत 40 देशों को दी जानकारी

वॉशिंगटन: अमेरिका ने चीनी जासूसी गुब्बारे पर दुनिया के 40 देशों को जानकारी साझा की है। इसमें भारत, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान समेत अमेरिका के करीबी दोस्त शामिल हैं। चीन का यह जासूसी गुब्बारा जनवरी के आखिरी हफ्ते में अमेरिकी हवाई सीमा में दाखिल हो गया था। यह गुब्बारा अमेरिका के कई संवेदनशील इलाकों से ऊपर से गुजरा था। जिसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर अमेरिकी वायु सेना के एक लड़ाकू विमान ने दक्षिण कैरोलिना के समुद्र तट के करीब इस गुब्बारे को मार गिराया था। इस गुब्बारे का मलबा अटलांटिक महासागर के उथले पानी में 7 मील के दायरे में फैला था, जिसे बटोरने के लिए नौसेना के कई युद्धपोतों को लगाया गया था।

अमेरिका ने 40 देशों को बांटी जानकारी

अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने सोमवार को 40 दूतावासों में लगभग 150 विदेशी राजनयिकों को चीनी गुब्बारे के बारे में जानकारी दी। वहीं, बीजिंग में अमेरिकी दूतावास ने सोमवार और मंगलवार को विदेशी राजनयिकों को बुलाकर गु्ब्बारे के जांच में मिले तथ्यों को बताया। बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम दुनिया भर के देशों के साथ जितना हो सके उतनी जानकारी साझा कर रहे हैं। यह इस प्रकार के संचालन के लिए अतिसंवेदनशील भी हो सकते हैं।

गुब्बारे को चीनी सेना कर रही थी ऑपरेट

अमेरिका के विदेश विभाग ने सहयोगियों और भागीदारों के साथ साझा करने के लिए गुब्बारे की घटना के बारे में दुनिया भर में अमेरिकी मिशनों को जानकारी भेजी थी। इस ब्रीफिंग में अमेरिका ने बताया कि यह गुब्बारा मौसम की जानकारी से जुड़ा नहीं था, बल्कि यह एक हवाई जासूसी पोत था, जिसको जासूसी के लिए इस्तेमाल किया गया था। अमेरिका ने कहा कि गुब्बारे को चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नियंत्रित कर रही थी। अमेरिकी दूतावास ने बताया कि गुब्बारे पर सौर पैनलों का मतलब है कि इसे मौसम के गुब्बारे की तुलना में अधिक शक्ति की आवश्यकता है, और इसका उड़ान पथ प्राकृतिक हवा के पैटर्न के अनुरूप नहीं है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि गुब्बारा पतवार और प्रोपेलर से लैस था।

हेनान से गुब्बारे की हो रही थी निगरानी

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, वेंडी शरमन ने ब्रीफिंग में बताया था कि जासूसी गुब्बारा दक्षिण चीन सागर में चीन के हैनान द्वीप पर स्थित एक व्यापक सैन्य निगरानी प्रयास से जुड़ा था। विश्लेषकों को अभी तक चीनी बैलून बेड़े के आकार का पता नहीं है। अमेरिकी अधिकारियों ने जापान, भारत, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस को टारगेट करने वाले पांच महाद्वीपों में 2018 के बाद दर्जनों दूतावासों से बात की। हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने उप विदेश मंत्री के ब्रीफिंग से जुड़े मुद्दों पर कमेंट करने से इनकार कर दिया।

बड़े पैमाने पर ऐसे गुब्बारों का इस्तेमाल कर रहा चीन

रिपोर्ट के अनुसार, कई चीनी सैन्य शोधकर्ताओं ने सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कागजात में तर्क दिया है कि ऐसे गुब्बारे और एयरशिप को अलग-अलग मिशन में तैनात किया जाना चाहिए। वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि इस सैन्य अभियान में एक निजी चीनी कंपनी की तकनीक शामिल थी जो चीन के सैन्य-नागरिक कार्यों के लिए उपकरणों का निर्माण करती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button