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कभी सुसाइड करने चले थे ‘नाटू नाटू’ के कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित, तय किया गोल्डन ग्लोब तक का सफर

एसएस राजामौली की फिल्म RRR ने इतिहास रच दिया है। इस फिल्म के गाने ‘नाटू नाटू’ को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड में बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीता है। जैसे ही इस अवॉर्ड के लिए ‘नाटू नाटू’ गाने का नाम लिया गया, पूरा माहौल इस गाने से गूंज उठा। गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड सेरिमनी में मौजूद सभी सिलेब्रिटीज ने तालियां बजाईं। राजामौली, रामचरण और जूनियर एनटीआर खुशी से झूम उठे। लेकिन इस गाने की सफलता के लिए जितना क्रेडिट जूनियर एनटीआर, रामचरण और राजामौली को जाता है, उतना ही क्रेडिट इसके कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित को भी जाता है।

Prem Rakshith ने ही ‘नाटू नाटू’ सॉन्ग के वो धमाकेदार डांस स्टेप्स कोरियोग्राफ किए, जिन्हें देखकर हर किसी के होश उड़ गए। इस गाने को जिसने भी देखा वही इस पर झूमने और इसके हुकस्टेप को कॉपी करने के लिए मजबूर हो गया। Naatu Naatu ने जहां Golden Globes 2023 में तहलका मचा दिया, वहीं इसे ऑस्कर 2023 में बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटिगरी के लिए भी शॉर्टलिस्ट किया गया है। आइए आपको बताते हैं ‘नाटू नाटू’ की शूटिंग से जुड़ी मजेदार बातें:

यूक्रेनी राष्ट्रपति के महल में ‘नाटू नाटू’ की शूटिंग

‘नाटू नाटू’ गाने की शूटिंग यूक्रेन में हुई थी क्योंकि तब यहां इंडिया में लॉकडाउन की वजह से सख्ती थी। जिस समय यह गाना शूट किया गया, तब वहां रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा था। जहां-तहां लाशें जल रही थीं। ‘आरआरआर’ की टीम वहां इस गाने के साथ-साथ कुछ अहम सीन्स की शूटिंग के लिए गई थी। ‘नाटू नाटू’ गाने को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के महल में हुई थी। चूंकि वोलोडिमिर जेलेंस्की खुद एक एक्टर रह चुके हैं, इसलिए उन्होंने ‘आरआरआर’ की टीम को निराश नहीं किया और वहां शूटिंग की इजाजत दे दी। रामचरण और जूनियर एनटीआर ने इस गाने के लिए एक महीने तक रिहर्सल की थी, जबकि गाने को शूट करने में दो हफ्ते लगे।

गाने के 80 वेरिएशन, Jr NTR-रामचरण ने दिए 18 रीटेक

‘नाटू नाटू’ गाने में जूनियर एनटीआर और रामचरण की फूट टैपिंग परफॉर्मेंस आज भी हर किसी को हैरान करती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गाने के हुकस्टेप के लिए 80 वेरिएशन तैयार किए गए थे। वहीं रामचरण और जूनियर एनटीआर ने इसके लिए 18 रीटेक दिए थे। बाद में जब एसएस राजामौली ने सारे रीटेक देखे तो उन्हें दूसरा वाला ज्यादा बेहतर लगा और उसे सिलेक्ट कर लिया। ‘नाटू नाटू’ तेलुगू गाना है, जिसका बाद में हिंदी वर्जन ‘नाचो नाचो’ रिलीज किया गया। इस गाने को राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव ने गाया, जबकि एमएम कीरावनी ने इसे कंपोज किया।

1 महीने तक 97 डांस मूवमेंट्स पर काम
रक्षित शेट्टी ने ‘सिनेजोश’ को दिए इंटरव्यू में बताया था कि ‘नाटू नाटू’ पर उन्होंने एक महीने तक इस गाने के 97 डांस मूवमेंट्स पर काम किया था। राम चरण और जूनियर एनटीआर के डांस स्टेप्स सिंक हो रहे हैं या नहीं, यह देखने के लिए एसएस राजामौली हर फ्रेम को फ्रीज करके देखते थे। प्रेम रक्षित ने बताया था कि इस गाने एसएस राजामौली पहले बैकग्राउंड में सिर्फ 100 डांसर्स के साथ ही शूट करना चाहते थे। लेकिन बाद में उन्होंने अपना इरादा बदल दिया क्योंकि जूनियर एनटीआर और रामचरम बेस्ट डांसर्स हैं।

हीरे के व्यापारी थे प्रेम रक्षित के पिता, ऐसे फिरे दिन

आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस ‘नाटू नाटू’ और जिस कोरियोग्राफर Prem Rakshith की दुनियाभर में चर्चा हो रही है, वह कभी सुसाइड करना चाहते थे। प्रेम रक्षित ने इस बारे में एक इंटरव्यू में खुलासा किया था। लेकिन उस सुसाइड वाले फैसले के बाद प्रेम रक्षित ने जिस तरह से अपनी जिंदगी की दिशा बदली और गोल्डन ग्लोब्स तक पहचान बनाई, उसकी कहानी हैरान कर देगी। प्रेम रक्षित ने तेलुगू और तमिल भाषा में 70 से ज्यादा फिल्मों में कोरियोग्राफी की है।

टेलर की दुकान पर किया काम, तंगी से थे परेशान

उनके पिता हीरे के व्यापारी थे, जबकि मां घर संभालती थीं। प्रेम रक्षित एक जॉइंट फैमिली में रहते थे। लेकिन 1993 में कुछ परेशानियों के चलते प्रेम रक्षित परिवार के साथ अलग हो गए। उनके पिता फिल्मों में डांस असिस्टेंट बन गए, जबकि प्रेम रक्षित टेलर की दुकान पर काम करने लगे। परिवार पर आर्थित तंगी का पहाड़ टूट गया था और प्रेम रक्षित को नौकरी नहीं मिल रही थी। वह इस तरह तंग आ गए थे कि सुसाइड करने चल दिए थे।

जब सुसाइड करने पहुंचे
प्रेम रक्षित ने ‘डेकेन क्रॉनिकल’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उनका परिवार घोर आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। उन्होंने सोचा कि अगर वह खुदकुशी कर लेंगे तो उनका डांस यूनियन फेडरेशन उनके परिवार को 50 हजार रुपये दे देगा। इसलिए वह चेन्नै के मरीना बीच चले गए। लेकिन वह जिस साइकिल से वहां गए थे, वह भी उधारी की थी। यह सोचकर कि जिस शख्स से उन्होंने साइकिल ली है, वह उनके मां-बाप से जाकर मांगेगा, इसलिए वह साइकिल लौटाने घर वापस आ गए। तभी वहां पापा को फोन आया और उन्होंने प्रेम रक्षित को बताया कि उन्हें एक फिल्म में डांस एक्स्ट्रा के तौर पर काम करने का ऑफर मिला है। तब प्रेम रक्षित वापस लौट आए और डांस कोरियोग्राफी करने लगे।
एसएस राजामौली ने बदली किस्मत
प्रेम रक्षित ने फिल्म ‘विद्यार्थी’ से डेब्यू किया था, लेकिन उन्हें पहचान एसएस राजामौली की फिल्म ‘छत्रपति’ ने दिलवाई थी। राजामाली फिल्म ‘विद्यार्थी’ में कोरियोग्राफ किए गए एक डांस सॉन्ग के स्टेप देखकर हैरान थे। वह जानना चाहते थे कि उन्हें किसने कोरियोग्राफ किया। जब पता चला कि वह प्रेम रक्षित हैं तो राजामौली ने तुरंत उन्हें फोन किया और कहा कि वह चाहते हैं कि प्रेम उनके बच्चों को घर पर डांस सिखाएं। प्रेम रक्षित उस समय आर्थिक परेशानी से जूझ रहे थे। इसलिए उन्होंने ऑफर स्वीकार कर लिया, ताकि जो पैसे मिलें उनसे घर चले।

गोल्डन ग्लोब तक का सफर

प्रेम रक्षित ने इस बारे में एक इंटरव्यू में बताया था और कहा था कि वह शुरुआत में राजामौली को यह बताने में झिझक रहे थे कि ‘विद्यार्थी’ में उन्होंने कोरियोग्राफी की है। प्रेम रक्षित को डर था कि कहीं उनकी डांस मास्टर की नौकरी न चली जाए। काफी हिम्मत करके प्रेम रक्षित ने एसएस राजामौली को सच बता दिया। जब राजामौली को पता चला उन्होंने प्रेम रक्षित से कहा कि वह उनकी आने वाली फिल्म ‘छत्रपति’ के एक जबरस्त मास सॉन्ग के लिए कुछ डांस स्टेप्स कंपोज करें। यह फिल्म 2005 में आई थी। प्रेम रक्षित मान गए। राजामौली को प्रेम रक्षित द्वारा कोरियोग्राफ किए गए डांस स्टेप इतने पसंद आए कि तब से वह उनकी हर फिल्म में डांस कोरियोग्राफ करने लगे। अपने करियर में वह डांस कोरियोग्राफी के लिए 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुके हैं। और अब उनके कोरियोग्राफ किए गाने ‘नाटू नाटू’ गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिला है।


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