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फिर हो सकती है सीएनजी महंगी, जानते हैं वजह?

नई दिल्ली: आम आदमी पर महंगाई की एक और मार पड़ने वाली है। पहले से ही महंगाई के बोझ से दबे मिडिल क्लास को अब महंगी सीएनजी से झटका लग सकता है। दरअसल गेल पाइपलाइनों के लिए टैरिफ में इजाफा होने जा रहा है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने 22 मार्च को कहा कि गेल (भारत) की नेचुरल गैस पाइपलाइनों के लिए टैरिफ का शुल्क बढ़कर 58.61 रुपये प्रति एमएमबीटीयू हो जाएगा। यह टैरिफ 45 प्रतिशत अधिक है, 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी हो जाएगा।

एक रुपये प्रतिकिलो तक होगा इजाफा

टैरिफ में इस बढ़ोतरी से फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी। महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) के प्रबंध निदेशक आशु सिंघल ने एक इंटरव्यू में सीएनबीसी टीवी18 को बताया कि टैरिफ में इस बढ़ोतरी से कुछ को फायदा हो सकता है। वहीं अन्य को नुकसान भी होगा। सिंघल के मुताबिक, अगर बढ़ोतरी को परमिशन मिल जाती है तो सीएनजी की कीमतों में एक रुपये किलो तक का इजाफा हो सकता है। जेपी मॉर्गन इंडिया के पिनाकिन पारेख ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया कि टैरिफ में इजाफा गेल के लिए अच्छा है क्योंकि इससे उसके आय और मार्जिन में वृद्धि होगी।

आईजीएल के डायरेक्टर कमर्शियल, पवन कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि अगर किरीट पारिख पैनल की सिफारिशों को लागू किया गया, तो गैस की कीमतें $1/mmBtu तक गिर सकती हैं। हालांकि, इनपुट गैस की लागत 80-85 पैसे/एससीएम बढ़ने की उम्मीद है।

सरकार ने तय किया लक्ष्य

सरकार ने 2030 तक प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ाने और ऊर्जा मिश्रण में इसके योगदान को 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, हाल की अवधि में तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की हाजिर कीमतों में लगभग 50 की गिरावट आई है। इस गिरावट को यूरोप में हल्की सर्दी और हाई इन्वेंट्री के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जो कि 45 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के हालिया शिखर के उलट है।

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