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चीन के गांवों में ठंड में जागा कोरोना, भयानक लहर… जानें भारत के लिए कितना खतरा

चीन में कोरोना वायरस ने कहर बरपाया हुआ है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे बड़ी टेंशन यह है कि कोरोना अब गांवों में पहुंच रहा है। शहरों में लाशों का ढेर लगा रही कोरोना लहर चीन के ग्रामीण इलाकों तक जा पहुंची है। जिनपिंग चिंतित हैं क्योंकि गांवों में पर्याप्त मेडिकल इंतजाम नहीं है। शहरों की स्वास्थ्य व्यवस्था भी भारी केसलोड के चलते ध्वस्त हो चुकी है। करोड़ों कामगार लूनर न्यू इयर की छुट्टियों में अपने घर लौट रहे हैं। जिनपिंग ने कहा कि ‘मुझे सबसे ज्यादा चिंता ग्रामीण इलाकों और किसानों की है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं अपेक्षाकृत कमजोर हैं, ऐसे में रोकथाम मुश्किल है और चुनौती बड़ी।’ चीन में करीब तीन साल तक ‘जीरो लॉकडाउन’ रहा है। सवाल यह है कि क्या भारत को चीन के ग्रामीण इलाकों में आई कोरोना लहर से परेशान होने की जरूरत है?

चीन में कोविड से रोज 36 हजार मौतों का अनुमान

चीन में लूनर न्यू इयर के दौरान कोरोना से रोज 36,000 मौतों का अनुमान है। इस दौरान बड़े पैमाने पर चीन के लोग नव वर्ष मनाने के लिए अपने घरों को जाएंगे। जिससे कोविड के मामले बढ़ेंगे और मौतें भी ज्यादा होंगी। चीन में नव वर्ष उत्सव 7 जनवरी से शुरू हुआ है और छुट्टियां 21 जनवरी से शुरू होने वाली हैं। वैश्विक स्वास्थ्य खुफिया सेवा एयरफिनिटी का अनुमान है कि 26 जनवरी तक हर रोज 36,000 मौतें हो सकती हैं। वहीं, 27 जनवरी तक हर रोज 6.2 करोड़ कोविड से संक्रमित हो सकते हैं। एयरफिनिटी से जुड़े प्रोफेसर मिनक्सिन पेई का मानना है कि चीन मरने वालों की संख्या छिपाने की पूरी कोशिश करेगा।

चीन की सरकार ने सभी डॉक्टरों को सलाह दी है कि वह डेथ सर्टिफिकेट में मरीज की मौत का कारण कोरोना न लिखें। आदेश में कहा गया है कि अगर मरीज को पहल से कोई बीमारी है तो डेथ सर्टिफिकेट में उस बीमारी को मौत का कारण लिखने के निर्देश दिए गए हैं। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, जीरो कोविड पॉलिसी खत्म करने के बाद से चीन इस समय तबाही के बीच में है। खुद चीन ने इस सप्ताह माना है कि एक महीने में 60 हजार मौतें हुई हैं। हालांकि वह यह नहीं मान रहा है कि ये मौतें कोरोना से हुई हैं।

चीन में फैली कोरोना लहर से भारत को सीधा खतरा नहीं है। हालांकि, एक्सपर्ट सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। सर्दी का मौसम है, ऐसे में बुखार-खांसी-जुकाम के मरीज खूब आ रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, देश में कोविड नंबर्स से स्थिति का आंकलन लगाना सही नहीं। चीन से उलट, भारत में आर्थिक गतिविधियां लगभग कोविड पूर्व वाली स्थिति में लौट चुकी हैं। भारतीयों की हाइब्रिड इम्युनिटी भी उन्हें फिलहाल कोविड से बचाए हुए हैं।

‘ओमीक्रोन के BF.7 वैरिएंट से ज्‍यादा संक्रामक हो सकता है XBB’

चीन में कोविड वेव के पीछे ओमीक्रोन वैरिएंट्स BF.7 और XBB को जिम्मेदार बताया गया। भारत में भी ये वैरिएंट मिले हैं। हालांकि, जीनोम सर्वे बताते हैं कि BF.7 के केसेज ज्यादा नहीं हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि BA.5 से निकले BF.7 से उतना खतरा नहीं है मगर XBB वैरिएंट ज्यादा संक्रमण फैला सकता है।
भारत में कोरोना के ऐक्टिव केस 2000 से कम
देश में बुधवार को कोविड के 128 केस आए और ऐक्टिव केस घटकर 1,998 रह गए। चौबीस घंटों में ऐक्टिव केस में 37 की कमी हुई। वहीं, इन्फेक्शन रेट 0.07% है। मंगलवार को कोविड के 89 केस आए थे। यह संख्या मार्च 2020 के बाद सबसे कम रही। कोरोना के शुरुआती दौर से अब तक देश में 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। अभी तक कुल 4,41,48,645 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं।

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