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चक्‍कर में पड़ गए थे धीरूभाई अंबानी… वित्‍त मंत्री वीपी सिंह का वो कदम जिसके बाद राजीव गांधी ने छीन ली थी कुर्सी

नई दिल्‍ली: अगले हफ्ते वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह उनका पांचवां बजट होगा। बजट पर देशभर की निगाहें होती हैं। इसमें ऐसे कई ऐलान होते हैं जिनका कारोबार और व्‍यवस्‍था पर सीधा असर पड़ता है। बजट से अक्‍सर उद्योगपतियों का नफा-नुकसान जुड़ा होता है। कई वित्‍त मंत्री तो बड़े-बड़े दिग्‍गजों के सिर का दर्द भी बन चुके हैं। विश्‍वनाथ प्रताप सिंह भी उन्‍हीं में शामिल थे। उन दिनों राजीव गांधी सरकार में वीपी सिंह वित्‍त मंत्री होते थे। वित्‍त मंत्री रहते हुए वीपी सिंह ने ऐसा इंतजाम किया था कि रिलायंस के संस्‍थापक धीरूभाई अंबानी और सदी के महानायक अमिताभ बच्‍चन तक की नींद उड़ गई थी। नौबत यह आ गई कि तत्‍कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अपने वित्‍त मंत्री को हटाना पड़ा था। यह पूरा किस्‍सा बेहद दिलचस्‍प है। राजीव गांधी के बाद वीपी सिंह जब प्रधानमंत्री बने तो भी धीरूभाई अंबानी से उनकी तकरार कायम रही।

कहानी 1984 के आम चुनाव के बाद से शुरू होती है। दिसंबर 1984 में हुए चुनावों के बाद से कोई अंतरिम बजट नहीं पेश हुआ था। आठवें आम चुनाव के बाद वीपी सिंह ने 1985-86 और 1986-87 का सालाना बजट पेश किया था। वह राजीव गांधी सरकार में तब वित्‍त मंत्री थे। राजीव गांधी लाइसेंस राज में कमी चाहते थे। उनके इस विचार को साकार करने की दिशा में वीपी सिंह धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे थे।
वीपी स‍िंंह को मजबूरन हटाना पड़ा था

जब वीपी सिंह वित्‍त मंत्री थे तब सोने की स्‍मग्लिंग में गिरावट आई थी। उन्‍होंने अपने वक्‍त में गोल्‍ड टैक्‍स में कटौती की थी। साथ ही जब्‍त किए गए सोने में से कुछ हिस्‍सा पुलिस को देने का फैसला किया था। उन्‍होंने वित्‍त मंत्रालय के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी अभूतपूर्व शक्तियां दी थीं। इसके तहत ईडी को टैक्‍स छुपाने वालों के खिलाफ खुलकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद धीरूभाई अंबानी और अमिताभ बच्‍चन सहित कई हाई प्रोफाइल हस्तियों के यहां छापे पड़े थे। इस बात से राजीव गांधी बहुत ज्‍यादा नाराज हो गए थे। उन्‍हें मजबूरन वीपी सिंह को कुर्सी से हटाना पड़ा था। इसके पीछे कारण माना जाता है कि कई छापे उन उद्योगपतियों के यहां पड़े जिन्‍होंने कांग्रेस को पूर्व में समर्थन दिया था।

धीरूभाई के वीपी स‍िंंह के साथ नहीं रहे अच्‍छे र‍िश्‍ते
यह बात हर कोई जानता था कि वीपी सिंह के साथ धीरूभाई के रिश्‍ते अच्‍छे नहीं थे। मई 1985 में वीपी सिंह ने अचानक प्‍यूरिफाइड टेरेपथैलिक एसिड के आयात पर रोक लगा दी थी। कच्‍चे माल के तौर पर पॉलियस्‍टर फिलामेंट यार्न बनाने के लिए यह जरूरी था। इसने रिलायंस के लिए ऑपरेशंस चलाना मुश्‍क‍िल कर दिया था। ऑपरेशंस को जारी रखने के लिए रिलायंस को बहुत मशक्‍कत करनी पड़ी थी।

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