इंग्लिश नहीं आती थी तो होटल में नहीं मिली नौकरी:पैदा हुए तो पिता ने गोविंदा को गोद में नहीं उठाया

कुछ समय बाद जब परिवार ने समझाया तो पिता ने सभी गिले-शिकवे दूर कर दिए। गोविंदा का परिवार पहले मुंबई सबर्ब में एक आलीशान बंगले में रहता था, लेकिन जब उनके पिता अरुण को फिल्मों में पैसे लगाकर नुकसान हुआ तो उन्हें बंगला बेचकर विरार के एक छोटे से घर में रहना पड़ा। यहीं गोविंदा का जन्म हुआ था। गोविंदा 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे, जिन्हें घरवाले प्यार से चीची बुलाते थे, जिसका अंग्रेजी में अर्थ है लिटिल फिंगर।
वसई के बर्तक कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री लेने के बाद गोविंदा के पास नौकरी नहीं थी। कुछ समय बाद उन्होंने होटल ताज में निकली मैनेजर की पोस्ट के लिए आवेदन दिया। जब इंटरव्यू हुआ तो गोविंदा अग्रेंजी नहीं बोल पाए, लेकिन उन्हें फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला लड़का चाहिए था। जाहिर है कि गोविंदा को वो नौकरी नहीं मिली।
महज 13-14 साल की उम्र से ही गोविंदा फिल्मों में आना चाहते थे, लेकिन उनकी मां इसके खिलाफ थीं। वो नहीं चाहती थीं कि गोविंदा फिल्मों में आएं क्योंकि उनके पिता को इस इंडस्ट्री में आर्थिक तंगी झेलनी पड़ी थी। गोविंदा मां को बिना बताए फिल्म स्टूडियो के चक्कर काटा करते थे। उनके मां-बाप को इंडस्ट्री छोड़े सालों हो चुके थे, ऐसे में कोई उनसे बात करने के लिए भी राजी नहीं होता था।