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डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स इंश्योरेंस पॉलिसी , आज के दौर में यह बनता जा रहा है चलन

नई दिल्ली: कुछ प्रमुख संगठनों की घोषणाओं को ध्यान में रखें तो यह कहा जा सकता है। अगर सन 2021 द ग्रेट रेजीगनेशन का साल (Year of Resignation) रहा, तो सन 2022 निश्चित रूप से छंटनी का साल लग रहा है। इकोनॉमी में हो रहे बदलाव को देखते हुए कुछ कंपनियों के लिए छंटनी एक कठोर लेकिन उचित उपाय हो सकती है। हालांकि, इस तरह के कदम के महत्वपूर्ण प्रभावों को देखते हुए कानूनी कार्रवाई सहित संबंधित खतरों की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए कंपनी के नेतृत्व की सुरक्षा के लिए डयरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स इंश्योरेंस पॉलिसी (Directors & Officers Insurance Policy) आवश्यकता बनती जा रही है।
पॉलिसीबाज़ार.कॉम के लायबिलिटी एंड फाइनेंशियल रिस्क डिपार्टमेंट की प्रैक्टिस लीडर, ईवा साइवाल (Evaa Saiwal), का कहना है कि किसी कंपनी में कर्मचारियों की संख्या कम होने के बावजूद किसी भी कर्मचारी की कार्रवाई के परिणामस्वरूप किसी भी समय मुकदमा हो सकता है। इस तरह के जोखिम फाइनेंशियल लायबिलिटी के साथ आते है। यह किसी भी कंपनी को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। तो, यह कैसे सुनिश्चित करें कि आपकी कंपनी आने वाली इस तरह की परेशानियों से सुरक्षित रहे? तो इसका जवाब है पर्याप्त लायबिलिटी इंश्योरेंस कवर का चयन करना। खास तौर पर, आज के कारपोरेट माहौल में, डायरेक्टर्स और ऑफिसर्स (D&O) पॉलिसी बहुत ही फायदेमंद है।


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