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सांवले रंग और टेढ़े-मेढ़े दांत के कारण मुंह बंद करके हंसते थे मिथुन दा, Shabana Azmi की मां ने की थी मदद

एक्ट्रेस शबाना आजमी ने हाल ही दिए एक इंटरव्यू में मिथुन चक्रवर्ती के बारे में एक खुलासा किया। शबाना ने बताया कि मिथुन चक्रवर्ती में कुछ इनसिक्यॉरिटीज थीं, जिनके कारण वह परेशान रहते थे। लेकिन इसमें उनकी मां कैफी आजमी ने एक्टर की मदद की थी। यह तब की बात है जब मिथुन चक्रवर्ती फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट में पढ़ रहे थे और फिल्मों में डेब्यू नहीं किया था।


मिथुन चक्रवर्ती की गिनती 90 के दशक में हाइएस्ट पेड स्टार्स में होती थी। उस वक्त वह हर निर्माता-निर्देशक की पसंद होते थे। हर हीरोइन मिथुन के साथ काम करने को बेताब रहती थी। मिथुन चक्रवर्ती ने डेब्यू फिल्म के लिए ही नैशनल अवॉर्ड जीतकर हर किसी को हैरान कर दिया था। बाद में मिथुन ने अपने करियर में दो और नैशनल अवॉर्ड समेत कई सम्मान जीते। एक समय ऐसा भी था जब मिथुन चक्रवर्ती की एक ही साल में 19 फिल्में रिलीज हुई थीं। इस कारनामे के लिए मिथुन चक्रवर्ती का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था। लेकिन इस सबके बावजूद मिथुन चक्रवर्ती में कुछ इनसिक्यॉरिटीज और डर था। इस बारे में एक्ट्रेस शबाना आजमी ने खुलासा किया है।

मिथुन चक्रवर्ती की परेशानी

Shabana Azmi ने ‘न्यूज18’ से बातचीत में बताया कि उनके घर ‘जानकी कुटीर’ के दरवाजे हर किसी के लिए खुले रहते थे। कोई भी घर पर आ-जा सकता था। कुछ लोग घर पर ऐसे भी आते थे जो फिल्म इंडस्ट्री में कदम जमाना चाहते थे। तब Mithun Chakraborty भी शबाना आजमी के घर गए थे। उस समय वह काफी यंग थे, लेकिन एक परेशानी से जूझ रहे थे।

‘टेढ़े-मेढ़े दांत, मुंह बंद करके हंसते थे मिथुन’

शबाना आजमी ने बताया, ‘जानकी कुटीर एक ऐसी जगह थी, जहां हर तरह के स्ट्रगलर हमेशा आते रहते थे और अब्बा हों या मम्मी, हौसला बढ़ाते ही रहते थे। जिस संस्थान में मैं पढ़ती थी, उसके बहुत सारे बच्चे थे, जिनके पास मुंबई में रहने की जगह नहीं थी। वो सारे हमारे साथ आकर रहते थे। कुछ घर के मेहमान होते थे जैसे कि ज़रीना वहाब और कंवलजीत सिंह। लेकिन मैं आपको बता दूं कि मिथुन चक्रवर्ती इस बात को लेकर काफी कॉन्शस रहते थे कि उनके दांत निकले हुए हैं, और टेढ़े-मेढ़े हैं। इसलिए वह हमेशा ही मुंह बंद करके मुस्कुराते थे। मिथुन इस बात से भी वाकिफ थे कि उनका रंग सांवला है।


शबाना के मम्मी-पापा ने दिया हौसला

शबाना आजमी ने आगे कहा, ‘मिथुन चक्रवर्ती ने संस्थान में एक्टिंग की पढ़ाई की थी, इसके बावजूद उनके अंदर काफी इनसिक्यॉरिटीज थीं। लेकिन मेरे पैरेंट्स ने मिथुन का बहुत हौसला बढ़ाया। तब जाकर वह उनसे उबर पाए।’


वहीं मिथुन चक्रवर्ती ने भी एक टीवी रिएलिटी शो में अपने स्ट्रगल और कमियों के बारे में खुलासा किया था। मिथुन दा ने कहा था कि जिंदगी में उन्होंने जो कुछ भी झेला है, वह नहीं चाहते कि कोई और झेले। मिथुन चक्रवर्ती ने बताया था कि किस तरह सांवले रंग के कारण उन्हें ताने मारे गए। इस वजह से उनकी काफी बेइज्जती की जाती थी।

मिथुन चक्रवर्ती ने मृणाल सेन की फिल्म ‘मृगया’ से 1976 में एक्टिंग डेब्यू किया था। फिल्म हिट रही थी और इसने मिथुन को रातोंरात स्टार बना दिया था। इस फिल्म में निभाए किरदार के लिए मिथुन चक्रवर्ती को नैशनल अवॉर्ड भी मिला। इसके बावदूद उनका स्ट्रगल जारी रहा। लेकिन 1979 में आई फिल्म ‘सुरक्षा’ ने मिथुन चक्रवर्ती की जिंदगी बदल दी। इस फिल्म की ब्लॉकबस्टर सफलता के बाद मिथुन चक्रवर्ती को एक साथ कई फिल्मों में साइन किया गया।

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