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बकाया नहीं दिया तो नहीं मिलेगी बिजली… टाटा ग्रुप की सरकार को दोटूक

नई दिल्ली: इस बार गर्मियों में बिजली का संकट पैदा हो सकता है। देश की बड़ी बिजली कंपनियों में से एक टाटा पावर (Tata Power) ने कहा है कि जब तक उसका बकाया नहीं मिल जाता है, वह बिजली नहीं बनाएगी। उसका डिस्कॉम कंपनियों पर 1,789 करोड़ रुपये का बकाया है और इसकी वसूली के लिए उसने सरकार से मदद मांगी है। अप्रैल और मई में देश में बिजली की मांग हाई पर पहुंचने की उम्मीद है। इसके मद्देनजर सरकार ने सभी कोल-बेस्ड प्लांट्स (Coal-based plants) से 16 मार्च से अपना ऑपरेशन शुरू करने को कहा था। लेकिन टाटा पावर का कहना है कि जब तक उसका बकाया नहीं मिला जाता है, वह बिजली का उत्पादन शुरू नहीं करेगी।

सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के सेक्शन 11 का हवाला देते हुए यह निर्देश दिया था। लेकिन टाटा पावर ने कहा कि अगर उसका बकाया नहीं चुकाया गया तो वह इस निर्देश को नहीं मानेगी। कंपनी ने 27 फरवरी को केंद्र को लिखे एक पत्र में कहा कि उसकी कंपनी कोस्टल पावर गुजरात लिमिटेड (Coastal Power Gujrat Ltd) का बकाया नहीं चुकाया गया तो वह सेक्शन 11 के तहत ऑपरेट नहीं करेगी। इस कंपनी का गुजरात के मुंद्रा में 4,000 मेगावॉट का प्लांट है। इस प्लांट से पांच राज्यों को बिजली की सप्लाई होती है।

परचेज एग्रीमेंट खत्म करने की मांग

सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने साथ ही केंद्र से इन पांच राज्यों के साथ एक स्पेशल पावर परचेज एग्रीमेंट करने में मदद मांगी है। उसका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो इन राज्यों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट्स खत्म कर देना चाहिए। इससे सीजीपीएल एक्सचेंजेज को बिजली बेच सकती है। इस बारे में टाटा पावर ने उसे भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया। इस प्लांट ने अब तक अपना ऑपरेशन शुरू नहीं किया है। कंपनी ने सरकार से कहा है कि सीजीपीएल के पास कोल खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। एक सूत्र ने कहा कि हाल में मौसम में आए बदलाव से बिजली की मांग में कमी आई है। इससे बिजली की कीमत में भी कमी हुई है। संभवतः इस कारण कंपनी ने अपना ऑपरेशन शुरू नहीं किया है।

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