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पुतिन को दिन-रात सता रहा हत्या का डर, हमेशा साथ रखते हैं फूड टेस्टर, करते हैं सिर्फ ट्रेन से सफर, बड़े दावा

मॉस्को : रूस की फेडेरल प्रोटेक्शन सर्विस ( FSO) के पूर्व कप्तान ग्लेब काराकुलोव ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले कुछ आश्चर्यजनक उपायों का खुलासा किया है। ब्रिटिश अखबार द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, काराकुलोव ने एक खुफिया ट्रेन नेटवर्क और अपने ठिकाने को छिपाने के लिए अलग-अलग शहरों में ‘एक जैसे’ ऑफिसों के बारे में बताया है। उन्होंने एक राजनीतिक सूचना संगठन डोजियर सेंटर के साथ इंटरव्यू में ये चौंकाने वाले दावे किए हैं। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पुतिन को अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है। यही कारण है कि वह कहीं आने-जाने के लिए प्लेन के बजाय बख्तरबंद ट्रेन का इस्तेमाल कर रहे हैं।


काराकुलोव ने खुफिया ट्रेन नेटवर्क की पुष्टि की और कहा कि गुप्त नेटवर्क में ट्रेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता है। पुतिन के कुछ सबसे खुफिया संदेशों को प्रसारित करने में मदद करने वाले काराकुलोव ने रूसी राष्ट्रपति को ‘युद्ध अपराधी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि पुतिन ‘अपनी जान को लेकर डरे हुए हैं।’ काराकुलोव के अनुसार, फायर फाइटर्स, फूड टेस्टर और इंजीनियर विदेशी दौरों पर रूसी राष्ट्रपति के साथ यात्रा करते हैं।

पुतिन इस्तेमाल नहीं करते मोबाइल

उन्होंने कहा कि वे पुतिन को ‘बॉस’ कहते हैं और हर तरह से उनकी पूजा करते हैं। काराकुलोव ने अपनी सुरक्षा सेवा की रिपोर्ट्स पर पुतिन की निर्भरता का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि पुतिन मोबाइल फोन या इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं। 2020 में कोविड महामारी के बाद से पुतिन के व्यवहार और जीवन शैली में काफी बदलाव आया है। पुतिन ने तब से लगभग सभी यात्राएं और सार्वजनिक मौजूदगी बंद कर दी है।

अलग-अलग शहरों में समान कार्यालय

काराकुलोव ने दावा किया कि रूसी राष्ट्रपति के सेंट पीटर्सबर्ग, सोची और नोवो-ओगारियोवो समान कार्यालय हैं। पुतिन की खुफिया सेवाएं विदेशी जासूसी से बचने और हत्या के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए नकली मोटरसाइकिलों और विमानों का इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने कहा कि पुतिन ने खुद को क्वारंटीन के अभेद्य बैरियर से घेर लिया है। वह खुद क्वारंटीन में रहते हैं और उनके सभी कर्मचारियों को दो हफ्तों के क्वारंटीन से गुजरना पड़ता है। इसने पुतिन से व्यक्तिगत मिलने वालों की संख्या को काफी सीमित कर दिया है।

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