धमाके से दहला गांव; चार झुलसे, यूपी के रायबरेली में घर के अंदर पटाखे बना रहे थे बच्चे

सरेनी (रायबरेली)। मल्केगांव के एक घर में अवैध रूप से पटाखा बनाते समय विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना भयानक था कि पूरा गांव दहल गया। पटाखा बच्चे बना रहे थे। हादसे में चार बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। इनमें तीन बच्चे गांव के हैं। घटना के बाद पुलिस व फायर बिग्रेड की टीम मौके पर पहुंची। घायलों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। हालत नाजुक होने पर सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
गांव निवासी शैलू वर्षों से पटाखा बनाने का काम कर रहे हैं। दो दिन बाद दीपावली के चलते पटाखा बनाने का काम जोरों पर था। पटाखा बनाने में आसपास के बच्चों को लगाया गया था। शुक्रवार सुबह 11.30 बजे थे। घर के अंदर बच्चे पटाखों में बारूद भर रहे थे, तभी जोरदार विस्फोट हो गया। धमाके से पूरा गांव दहल गया। लोग घरों के बाहर आ गए और गांव में अफरातफरी मच गई। घायलों की चीख पुकार सुनकर ग्रामीण दौड़ पड़े और उन्हें घर से बाहर निकालने में जुट गए। हादसे में दस वर्षीय गोविंद, बारह वर्षीय सौरभ, पंद्रह वर्षीय मनीष कुमार और आठ वर्षीय शीजा गंभीर रूप से झुलस गए। सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया।
हालत नाजुक देख चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार कर बच्चों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अमर पटेल ने बताया कि सभी बच्चों की हालत नाजुक है। बच्चों को देते थे पटाखा बनाने के लिए रुपये ग्रामीणों का कहना है कि पटाखा बनाने के लिए आसपास के बच्चों को पैंसा का लालच देकर उन्हें काम पर लगाया गया था। बच्चों को कम रुपये देने पड़ते हैं, इसलिए उनसे काम कराया जा रहा था।
लाइसेंस का नहीं हुआ नवीनीकरण
मलकेगांव में नसरीन बनो उर्फ शैलू पत्नी कलाम मोहम्मद का पूर्व में पटाखा कारोबार का लाइसेंस बना था, लेकिन इस बार लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया और पटाखा कारोबार जारी रखा। सीओ लालगंज महिपाल का पाठक का कहना है कि घटना की जानकारी होने पर हल्का दारोगा मौके पर पहुंच गए थे।
एफएसओ मुकेश कुमार गिरि ने बताया कि लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया गया था। रोक के बावजूद पटाखे बनाए जा रहे थे। जहां पर विस्फोट हुआ उसके पास गैस सिलेंडर रखा था, गनीमत रही उसमें ब्लास्ट नहीं हुआ। अन्यथा हादसा और भी भयावह हो सकता था।