उत्तर प्रदेशराज्य

‘ये जगह हिंदुओं को सौंप दें’, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की ASI रिपोर्ट आने के बाद VHP ने की मांग

ASI ने काशी में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने शनिवार को कहा कि ज्ञानवापी संरचना से ASI द्वारा एकत्र किए गए सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि मस्जिद का निर्माण एक भव्य मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था. मंदिर की संरचना का एक हिस्सा, विशेष रूप से पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का शेष हिस्सा है. रिपोर्ट यह भी साबित करती है कि मस्जिद के निर्माण में संशोधनों के साथ स्तंभों और स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के कुछ हिस्सों का पुन: उपयोग किया गया था.

​​​​​​​VHP ने की ये मांगें

एएसआई की रिपोर्ट कहती है कि हिंदू मंदिर के खंभों को थोड़ा बहुत बदलकर नए ढांचे के लिए इस्तेमाल किया गया. विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने आज कहा कि ज्ञानवापी संरचना से ASI द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि मस्जिद का निर्माण एक भव्य मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था. कुमार ने कहा कि वजूखाने में मिले शिवलिंग से कोई संदेह नहीं रह जाता है कि संरचना में मस्जिद का लक्षण नहीं है. उन्होंने कहा कि संरचना में मिले शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे नामों की खोज इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि यह एक मंदिर था.

हिंदू मंदिर घोषित किया जाए ज्ञानवापी

आलोक कुमार ने यह भी कहा कि ASI द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य और दिए गए निष्कर्ष यह साबित करते हैं कि इस पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में था और वर्तमान में यह एक हिंदू मंदिर के रूप में है. इस प्रकार, पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की धारा 4 के अनुसार भी, संरचना को एक हिंदू मंदिर घोषित किया जाना चाहिए.

विश्व हिंदू परिषद ने दिए ये सुझाव

1. हिंदुओं को तथाकथित वजूखाना क्षेत्र में पाए गए शिवलिंग की सेवा पूजा करने की अनुमति दी जाए,
2. इंतजामिया कमेटी से आग्रह करता है कि वह सम्मानपूर्वक ज्ञानवापी मस्जिद को दूसरे उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने और काशी विश्वनाथ के मूल स्थान को हिंदू समाज को सौंपने के लिए सहमत हो.
3. विहिप का मानना है कि यह धर्मी कार्य भारत के दो प्रमुख समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

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